केन्द्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हाल के दिनों में अस्पतालों और नर्सिंग होमों में शॉर्ट-सर्किट के कारण हुईं आग की घटनाओं की ओर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों का ध्यान आकर्षित किया है. राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को लिखे गए पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि हाल ही में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. गर्मियों के मौसम में इस ओर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि तापमान बढ़ने और आंतरिक वायरिंग के रखरखाव में कमी और इस पर पड़ने वाले ऑवरलोड के कारण शॉर्ट सर्किटिंग होती है, जिससे आग लगने की घटनाएं होती हैं, इससे बड़ा नुकसान होता है.
मजबूत कदम उठाने की जरूरत
केंद्रीय गृह सचिव ने कहा है कि सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं विशेष रूप से कोविड-19 समर्पित सुविधाओं में से किसी में भी आग जैसी कोई घटना न हो इसके लिए मजबूत कदम उठाने की जरूरत है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य, बिजली और अग्निशमन विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा करने और सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं में अग्नि सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने की अपील की है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न स्तरों पर संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर करने के लिए कहा है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं में अग्नि सुरक्षा दिशानिर्देशों के अनुसार आंतरिक सुरक्षा और कार्यात्मक सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता की जांच की जाए. क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों द्वारा इन स्वास्थ्य सुविधाओं का दौरा किया जाए और किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर तुरंत आवश्यक कार्रवाई की जाए.
24 घंटे मिले बिजली
गृह मंत्रालय ने अस्पतालों और नर्सिंग होम में अग्नि सुरक्षा पर हाल ही में एमएचए के महानिदेशक (फायर सर्विसेज, सिविल डिफेंस एंड होम गार्ड्स) द्वारा जारी की गई एडवाइजरी पर भी ध्यान आकर्षित किया है. पत्र में यह भी कहा गया है कि देश भर में कोविड- समर्पित स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ी संख्या में कोविड-19 रोगियों का इलाज किया जा रहा है. ज्यादातर मामलों में ऑक्सीजन समर्थित बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर महत्वपूर्ण साधन हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं में नियमित 24X7 आधार अर्थात 24 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति की जाए.
जीवन को बचाना प्राथमिकता
पत्र में जोर देते हुए कहा गया है कि प्रत्येक जीवन को बचाना एक प्राथमिकता है और यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि किसी भी घटना को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने से पहले कोविड-19 का प्रबंधन करने वाली सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अन्य सभी आवश्यक वैकल्पिक सहायता प्रदान कर दी गई हैं, जिससे रोगियों के लिए की जा रही प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो सके.