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बेंगलुरुः मां की कोरोना से मौत हुई, अस्पताल ने दूसरा शव सौंप दिया, बेटे की जिद से चला पता

बेंगलुरु में एक महिला की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई, लेकिन जब परिजन उनका शव लेने अस्पताल आए, तो उन्हें दूसरा शव दे दिया गया. बेटे ने जब अपनी मां की आखिरी तस्वीर देखनी चाही, तो पता चला कि ये उसकी मां का शव नहीं है. बाद में अस्पताल वालों ने दो घंटे बाद उन्हें सही शव सौंपा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बेंगलुरु के राजा राजेश्वरी अस्पताल का मामला
  • बेटे की जिद थी- मां का आखिरी बार चेहरा देखने की
  • मामला सामने आने के बाद अस्पताल ने जांच शुरू कर दी

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक अस्पताल में परिजनों को दूसरा शव सौंपने का मामला सामने आया है. दरअसल, बेंगलुरु की एक महिला की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई थी. सोमवार सुबह जब महिला के परिजन उनका शव लेने अस्पताल पहुंचे, तो अस्पताल वालों ने उन्हें दूसरा शव सौंप दिया. हालांकि, जब परिजनों ने शव की तस्वीर ली, तो पता चला कि ये दूसरा शव है. परिजनों ने हंगामा किया, तो अस्पताल वालों ने दो घंटे बाद सही शव दिया. 

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मामला बेंगलुरु के राजा राजेश्वरी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का है. यहां कुछ दिन पहले 68 साल की जयलक्ष्मम्मा को सांस लेने में तकलीफ के होने के बाद भर्ती किया गया था. उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. रविवार रात को उनकी मौत हो गई. अस्पताल की तरफ से परिजनों को शव ले जाने के लिए फोन आया. 

सोमवार सुबह परिजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें शव सौंप दिया गया. क्योंकि मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई थी, इसलिए शव को पीपीई किट से पैक किया गया था. अस्पताल वालों ने उन्हें डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया. अस्पताल में बेटा नहीं आ सका था. इसलिए उसने अपने परिजनों से अपनी मां की आखिरी तस्वीर लेने को कहा. परिजनों ने जब तस्वीर ली, तो वो हैरान रह गए, क्योंकि वो जयलक्ष्मम्मा नहीं, बल्कि किसी और का शव था.

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जयलक्ष्मम्मा के भाई रामू ने बताते हैं, "हम 8 बजे के आसपास अस्पताल पहुंचे और यहां से हमें मॉर्चरी ले जाया गया. क्योंकि ये कोविड का मामला था, इसलिए शव को पीपीई किट से पैक किया गया था. जयलक्ष्मम्मा का बेटा अस्पताल नहीं आ सका, लेकिन वो अपनी मां की आखिरी तस्वीर देखना चाहता था. हम जैसे है फोटो लेने के लिए गए, तो मैंने देखा कि ये तो मेरी बहन का शव नहीं है."

बाद में जब परिजनों ने अस्पताल के अधिकारियों से बात की, तो दो घंटे बाद उन्हें जयलक्ष्मम्मा का शव सौंप दिया गया. परिजनों का कहना है कि अगर हम शव चेक नहीं करते, तो हम किसी और का अंतिम संस्कार कर देते. फिलहाल, अस्पताल ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.

 

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