
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 8 दिसंबर 2020 को ऐलान किया कि सरकार ने वैक्सीन बांटने के लिए को-विन (CO-WIN) नाम से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है. इसके 24 घंटे बाद ही https://co-win.co.in नाम से एक डोमेन नेम रजिस्टर हो गया जो यूजर्स को CO-WIN ऐप की पेशकश करने लगा. लेकिन समस्या सिर्फ ये थी कि ये डोमेन रजिस्ट्रेशन सरकार ने नहीं बल्कि संदिग्ध इतिहास वाले एक प्राइवेट ग्रुप ने कराया था.
सरकार ने बड़े पैमाने पर आने वाले वैक्सीनेशन कैम्पेन की मदद के मकसद से CO-WIN प्लेटफॉर्म बनाया है, लेकिन इसे सार्वजनिक तौर पर अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है. कुछ प्लेटफार्म्स इन स्कैम ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए यूजर्स को लुभा रहे हैं. हमने ऐसे ही भारत में बने एक फर्जी कोविड वैक्सीनेशन ऐप नेटवर्क की गतिविधियों को खंगाला.
शातिर ढंग से काम
संदिग्ध वेबपेज ने सरकार के वैक्सीनेशन पुश और टेक्नोलॉजी से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का फायदा उठाया. इसने अपने CO-WIN ऐप के एंड्रायड और iOS संस्करणों की पेशकश के लिए अलग-अलग टैब्स दिए हैं, हालांकि सिर्फ एंड्रायड संस्करण ही डाउनलोड के लिए उपलब्ध है.
यूजर्स को फर्जी CO-WIN ऐप को एंड्रायड एप्लीकेशन पैकेज (APK) फॉर्मेट में प्लेटफॉर्म से सीधे डाउनलोड करने के लिए कहा जा रहा है.
(एडवाइजरी: APK फाइल्स को अज्ञात स्रोतों से डाउनलोड करना नुकसान पहुंचा सकता है)
प्लेटफॉर्म पर ऐसे कुछ इंफो ग्राफिक्स हैं जो बताते दिखते हैं कि अधिकारियों की ओर से वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान ऐप का कैसे इस्तेमाल किया जाएगा.
फॉरेन्सिक इंवेस्टीगेशन
तो क्या होता है जब हम फर्जी CO-WIN ऐप को अपने फोन्स पर इंस्टाल करते हैं?
दिल्ली स्थित टेक्नोलॉजी फर्म वॉयजर इंफोसेक ने प्लेटफॉर्म पर अपलोडेड CO-WIN APK का बारीकी से बिहेवियर एनॉलिसिस किया. इस एनॉलिसिस से ऐप के संदिग्ध बर्ताव का पता चल गया. वॉयजर इंफोसेक के डायरेक्टर जितेन जैन ने इंडिया टुडे से कहा, जब हमने ऐप को एनॉलाइज किया, तो पाया कि ये फोन के स्टोरेज और लोकेशन आदि के बारे में संदिग्ध अनुमतियां ले रहा था. अभी तक ऐप में यूजर्स के लिए रजिस्ट्रेशन विकल्प मौजूद नहीं है लेकिन ये जल्दी बदल सकता है.
जैन ने कहा “फिलहाल, यह एक क्लिक बेट ऐप की तरह ऑपरेट कर रहा है जिससे एडवरटाइजिंग रेवेन्यू जुटाया जा सके, ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि जब सरकार अपना आधिकारिक ऐप जारी करेगी तो ये ऐप लोगों की आधार, बैंकिंग और अन्य जानकारी जुटा कर घोटालों को अंजाम देना शुरू कर दे.”
मेड इन जयपुर स्कैम नेटवर्क
नेटवर्क के आगे फॉरेन्सिक एनॉलिसिस से संकेत मिलता है कि फर्जी कोविड वैक्सीनेशन नेटवर्क का जुड़ाव जयपुर में स्थित डिजिटल मार्केटिंग फर्म ‘ट्रिप्लेड डिजिटल मार्केटिंग’से है. अपने वेबपेज पर इस कंपनी ने डिजिटल मार्केटिंग, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन, पे पर क्लिक, वेब डेवेलपमेंट एंड डिजाइनिंग, इंटरनेट मार्केटिंग और कंटेंट राइटिंग जैसे कई सोल्यूशन्स उपलब्ध कराने का दावा कर रखा है.
डिजिटल मार्केटिंग ग्रुप की ओर से दिए गए पते पर जब इंडिया टुडे पहुंचा तो वहां ताला पड़ा हुआ था. पड़ोसियों के मुताबिक उन्होंने पिछले एक महीने से वहां कोई गतिविधि नहीं देखी. उन्होंने वहां चल रहे बिजनेस के बारे में किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया.
और कहां जुड़े तार?
नेटवर्क की गहराई से जांच करने पर इस ग्रुप के एक और संदिग्ध वेबसाइट https://www.sebipacl.in/ से जुड़ाव का पता चला. इस प्लेटफॉर्म पर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) से संबंधित कंटेंट पाया गया जो निवेशकों को रिफंड के मकसद से जानकारी मुहैया कराने की ओर ले जाता है. इसका अधिकतर कंटेंट सेबी की आधिकारिक वेबसाइट से लिया गया लगता है. यहां तक कि फर्जी सेबी पेज फर्जी COWIN ऐप https://www.sebipacl.in/co-win-app-download/ की ओर एक डाउनलोड लिंक को भी अपलोड करता है. इतना ही काफी नहीं है. नेटवर्क का एक ऐसा पेज भी है जो भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए यूजर्स को कहता है. https://www.sebipacl.in/join-indian-army/
ग्रुप के ट्रैक रिकॉर्ड से पता चलता है कि ये जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाता है. जैसे कि- वैक्सीनेशन, पैसे का रिफंड, नौकरियों के लिए भर्ती आदि. फिर ये तेजी से डिजिटल प्लेटफॉर्म सामने लाता है जो उन आधिकारिक प्रोजेक्ट्स के समान लगते हैं जो अधिकारियों की ओर से लॉन्च किए जाते हैं. इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल एडवरटाइजिंग रेवेन्यू जुटाने और डेटा के दुरुपयोग के मकसद से किया जाता है.
गूगल और ऐपल जैसे लोकप्रिय ऐप स्टोर्स ऐसे संदिग्ध ऐप्स को होस्ट नहीं करते, लेकिन फिर भी ओपन इंटरनेट पर ऐसे संदिग्ध ऐक्टर्स को देखा जा सकता है जो जन स्वास्थ्य संकट को भुनाने की कोशिश करते हैं. केंद्र सरकार ने बुधवार को लोगों को ऐसे ऐप्स डाउनलोड नहीं करने की चेतावनी जारी की है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘COWIN के नाम से कुछ ऐप्स कुछ अनैतिक तत्वों की ओर से तैयार किए गए लगते हैं जो सरकार के आने वाले आधिकारिक प्लेटफॉर्म के समान लगते हैं.’