झारखंड के बोकारो जिले से एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया कि जिम्मेदार नागरिक होना कितना जरूरी है. जहां झारखंड सरकार और जिला प्रशासन के लाख प्रयास और प्रचार प्रसार के बाद भी लोग कोरोना का टीका लगवाने के लिए सेंटरों पर पहुंचने में हिचकिचा रहे हैं. वहीं, बोकारो की एक 80 वर्षीय वृद्धा ने लोगों को एक बहुत बड़ा मैसेज देने का काम किया है.
बोकारो जिला के सभी प्रखंडों में कैंप लगाकर 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना का टीका दिया जा रहा है. इसी क्रम में बोकारो के चास नगर निगम अंतर्गत चेकपोस्ट स्थित सुभाष चौक पर जिला प्रशासन के द्वारा विशेष अभियान चलाकर टीका देने का काम किया जा रहा था.
इसी दौरान करीब 11 बजे के लगभग एक ऐसा दृश्य सामने आया जिससे आम लोग तो आम लोग, अधिकारी भी उस और दौड़ पड़े. दरअसल, दोनों पैरों से लाचार एक 80 वर्षीय वृद्धा तीजा देवी अपने वृद्ध पति जिनकी उम्र लगभग 86 वर्ष है उनके साथ टीका लगवाने सेन्टर पर पहुंची थीं.
वृद्ध पति साथ में थे और 80 वर्षीय पत्नी दोनों पैर से लाचार थीं. वह ठेले में लेटकर वैक्सीन लगवाने वैक्सीन सेंटर पहुंचीं. वैक्सीनेशन सेंटर पर निरीक्षण करने पहुंचे चास एसडीओ की नजर जैसे ही वृद्धा पर पड़ी, तुरंत तत्परता दिखाते हुए मेडिकल टीम को निर्देशित किया.
मेडिकल टीम ने भी वैक्सीनेशन किट को लेकर खुद ठेले के पास पहुंचकर सबसे पहले उस वृद्धा को वैक्सीन दी. इसके बाद वैक्सीन सेंटर में मौजूद अन्य बाकी लोगों को भी सामान्य रूप से वैक्सीन लगाई गई. जाहिर है जब पैरों से लाचार होने के बाद भी बुजुर्ग टीका के प्रति इस तरह से जागरूक हैं तो अन्य लोगों को भी इससे सीख लेने की जरूरत है.
बता दें, शुक्रवार को गोमिया प्रखंड में तीन पंचायतों में वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन किया गया था. इसमें हजारी, गोमिया और झिरकी पंचायत शामिल थे. हजारी में 100, गोमिया में 10 लोगों ने वैक्सीन ली. वहीं, झिरकी के कैंप में एक भी ग्रामीण वैक्सीन लेने नहीं पहुंचे थे.
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