मध्य प्रदेश में कोरोना की जिस दूसरी लहर ने तबाही मचाई थी अब उसका और घातक रूप का पहला मामला मध्यप्रदेश में सामने आया है. दूसरी लहर में कहर बरपाने वाले वायरस को 'डेल्टा' नाम दिया गया था जबकि अब जो वायरस का रूप सामने आया है वो 'डेल्टा प्लस' वायरस है जो पहले से ज्यादा घातक है.
मध्य प्रदेश में कोरोना के पहले डेल्टा प्लस वैरिएंट के सामने आने के बाद भोपाल के स्थानीय प्रशासन के साथ साथ सरकार के भी कान खड़े हो गए हैं. कोरोना का सबसे घातक रूप बताए जाने वाला डेल्टा प्लस वैरिएंट भोपाल की एक महिला में पाया गया है. हालांकि, महिला और परिवार के बाकी सदस्य फिलहाल कोरोना निगेटिव है.
'आजतक' से बात करते हुए भोपाल के सीएमएचओ डॉक्टर प्रभाकर तिवारी ने बताया कि गांधी मेडिकल कॉलेज से इस महीने तीन अलग-अलग बैच में सैंपल जांच के लिए NCDC भेजे गए थे. कल शाम आई रिपोर्ट में एक सैंपल में वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है जबकि बाकी सैंपल में डेल्टा और अन्य वैरिएंट पाए गए हैं'. सीएमएचओ तिवारी ने बताया कि कोविड-19 के म्यूटेशन और वैरिएंट की मौजूदगी जानने के लिए मध्यप्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है उसी दौरान इस वायरस की पुष्टि हुई है.
वहीं, प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि 'महिला की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तलाशी जा रही है. डेल्टा प्लस वैरिएंट भोपाल के बरखेड़ा पठानी इलाके में एक बुजुर्ग महिला में पाया गया है.
महिला के परिवार और इलाके में कान्टेक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है. अब हम यह कोशिश कर रहे हैं कि पता चल सके कि प्रदेश के बाकी हिस्सों में कहीं यह नया वेरियंट तो नहीं पहुंचा है. हमारी सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने पर भी टेस्टिंग को कम नहीं किया है और यह बता रहा है कि हम सही दिशा में जा रहे हैं'.
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