कोरोना संकट के मसले पर जिलाधिकारियों संग गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीटिंग की. बैठक में दस राज्यों के डीएम ने हिस्सा लिया, लेकिन पश्चिम बंगाल का कोई डीएम शामिल नहीं हुआ. इस मीटिंग के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर गंभीर आरोप लगाए. ममता बनर्जी ने कहा कि बैठक में दस राज्यों के सीएम मौजूद थे, जब बतौर सीएम मैं वहां पर थीं तो हमने डीएम को वहां शामिल नहीं होने दिया.
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सिर्फ बीजेपी के कुछ सीएम और पीएम मोदी ने अपनी बात रखी, हमको बोलने नहीं दिया गया. सभी मुख्यमंत्री सिर्फ चुपचाप बैठे रहे, किसी ने कुछ नहीं कहा. हमको वैक्सीन की डिमांड रखनी थी, लेकिन बोलने ही नहीं दिया गया.
'वैक्सीन की मांग रखनी थी, बोलने नहीं दिया गया'
ममता बनर्जी बोलीं कि पीएम मोदी ने कहा कोरोना कम हो रहा है, लेकिन पहले भी ऐसा ही कहा गया था. हम तीन करोड़ वैक्सीन की मांग रखने वाले थे, लेकिन कुछ कहने नहीं दिया गया. इस महीने 24 लाख वैक्सीन मिलनी थीं, लेकिन सिर्फ 13 लाख ही मिल पाईं.
ममता बोलीं कि हमें रेमडेसिविर भी नहीं दी गई, पीएम मोदी मुंह छुपाकर भाग गए. ममता बनर्जी ने कहा कि जब कोरोना केस बढ़े तो बंगाल में केंद्रीय टीम भेज दी गई, लेकिन गंगा में शव मिले हैं तो वहां क्यों नहीं टीम भेजी गई. देश इस वक्त बुरे दौर से गुजर रहा है, लेकिन पीएम कैजुअल अप्रोच अपना रहे हैं.
'ना वैक्सीन, ना ऑक्सीजन और ना ही दवाई'
बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाया है. ऑक्सीजन, दवाई, वैक्सीन कुछ भी उपलब्ध नहीं है. अगर केंद्र के फॉर्मूले पर चले तो इनके लिए दस साल इंतज़ार करना होगा. बंगाल में टीकाकरण की स्पीड इसलिए धीमी है, क्योंकि वैक्सीन नहीं मिल रही हैं, हमने 60 करोड़ रुपये की वैक्सीन निजी स्तर पर खरीदीं हैं.
ममता ने सवाल किया कि कोविड की दूसरी डोज़ तीन महीने बाद क्यों दी जा रही है, क्या कोई कारण है. सीएम ने वार करते हुए कहा कि दिल्ली का राजा आम लोगों की ओर नहीं देख रहा है, सब अहंकार पर चल रहा है. आपको बता दें कि ये पहला मौका है जब बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई किसी मीटिंग में शामिल हुई हों. इससे पहले कई मीटिंग में वह नहीं गई हैं.
कांग्रेस ने दी सलाह
उधर इस मसले पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि संक्रमण के मामलों में कमी आई है, लेकिन मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है. पीएम ने डीएम को अपने संबोधन में स्वीकार किया है कि महामारी गांवों में फैल गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों के इलाज के लिए टीबी व मलेरिया की दवाएं दी जा रही हैं. शुक्ला ने कहा कि टीकाकरण धीमा है, जबकि केवल टीकाकरण से तीसरी लहर को रोका जा सकता है.
उन्होंने कहा कि अफ्रीकी देशों ने टीकों के लिए बातचीत के लिए एक संघ का गठन किया है. भारत सरकार को केंद्रीकृत खरीद भी करनी चाहिए और राज्यों को उपलब्ध कराना चाहिए. प्रति दिन 90 लाख डोज सुनिश्चित करने के लिए केंद्र को अपनी टीकाकरण नीति में बदलाव करने की आवश्यकता है. चेन तोड़ने के लिए युद्धस्तर पर टीकाकरण कराने के लिए सीएम से बात करें पीएम.