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उज्जैन: लॉकडाउन में हुई शादी तो नहीं मिलेगा मैरिज सर्टिफिकेट!

मध्यप्रदेश के उज्जैन में लॉकडाउन के बावजूद शादी करने वालों पर अब प्रशासन सख्ती के मूड में आ गया है. उज्जैन कलेक्टर ने आदेश जारी किया है कि लॉकडाउन के दौरान जिन लोगों ने शादियां की हैं उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा. 

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना में भी हो रही हैं शादियां
  • बड़नगर तहसील में एक सरपंच के यहां भी शादी हुई
  • प्रशासन ने लिया एक्शन, सरपंची खतरे में

मध्यप्रदेश के उज्जैन में लॉकडाउन के बावजूद शादी करने वालों पर अब प्रशासन सख्ती के मूड में आ गया है. उज्जैन कलेक्टर ने आदेश जारी किया है कि लॉकडाउन के दौरान जिन लोगों ने शादियां की हैं उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा. 

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उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि 'कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जनता कर्फ्यू लगाया गया है, इस बीच बहुत सारे गांव ऐसे भी हैं, जहां शादियां नहीं रुक रही और उसी वजह से संक्रमण फैला है. सभी शादी को आगे बढ़ाने की सलाह दी गई थी इसके बावजूद इक्का-दुक्का मामले सामने आए. बड़नगर में तो सरपंच के यहां ही शादी थी जिनके खिलाफ हमने FIR दर्ज करवाई है और उन्हें पद से पृथक करने की कार्यवाई भी की जानी है. मैंने आदेश दिया है कि अब 5 मई के बाद किए गए विवाहों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा और गलती से जारी हुए विवाह पंजीयन निरस्त होंगे. उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट नहीं मिलेंगे. मैंने ऐसे समस्त विवाहों  के पंजीयन नहीं करने के लिए नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों को निर्देश जारी कर दिये हैं'.

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आपको बता दें कि उज्जैन के पास बड़नगर तहसील के रुनिजा गांव की सरपंच की दो लड़कियों की शादी 6 मई को की गई जबकि शादी नहीं करने के साफ आदेश थे. इसके बावजूद शादी होने पर एफआईआर दर्ज की गई है और अब उनकी सरपंची वापस लेने की कार्रवाई शुरू की जा रही है.

आपको बता दें कि उज्जैन की जिला स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक रविवार के दिन बृहस्पति भवन में जिले के कोविड प्रभारी एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक में कोरोना संक्रमण को रोकने की दृष्टि से जनता कर्फ्यू की अवधि 31 मई तक बढ़ाने की अनुशंसा की गई है.

 

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