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कम होंगी कोविशील्ड, कोवैक्सीन की कीमतें! सरकार ने सीरम और भारत बायोटेक से कही ये बात

कोविशील्ड और कोवैक्सीन की अलग-अलग कीमतों को लेकर अब केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से वैक्सीन की कीमतें कम करने को कहा है. सरकार ने कहा कि दोनों कंपनियां वैक्सीन की कीमतें कम करने की संभावनाएं तलाशें.

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1 मई से देश में वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू हो रहा है. (फाइल फोटो-PTI)
1 मई से देश में वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू हो रहा है. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तीन अलग-अलग कीमतें
  • सीरम और भारत बायोटेक से कीमतें कम करने को कहा

देश में कोरोना वैक्सीन की कीमतों को लेकर जो विवाद चल रहा है, अब केंद्र सरकार उसको थोड़ा शांत कराने की कोशिश कर रही है. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से वैक्सीन की कीमतें कैसे कम हों, इसकी संभावनाएं तलाशने को कहा है. 

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सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन की कीमतों को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से बात की है और उनसे कहा है कि वो सभी संभावनाएं तलाशी जाएं, जिससे वैक्सीन की कीमतें कम हो सकें. सूत्रों से पता चला है कि भारत बायोटेक ने वैक्सीन की कीमत कम करने का फैसला लिया है. हालांकि, भारत बायोटेक वैक्सीन की कीमतें सिर्फ राज्य सरकारों के लिए कम कर सकती है. निजी अस्पतालों को मिलने वाली वैक्सीन की कीमत कम नहीं होगी.

दरअसल, देश में 1 मई से कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू हो रहा है. इसके तहत 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन की कीमतें जारी की हैं. दोनों ही कंपनियों ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन की अलग-अलग कीमतें तय की हैं.

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कोविशील्ड बना रही सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन की एक डोज केंद्र सरकार को 150 रुपए, राज्य सरकार को 400 रुपए और निजी अस्पतालों को 600 रुपए में देगी, जबकि भारत बायोटेक कोवैक्सीन की एक डोज केंद्र सरकार को 150 रुपए में, राज्य सरकार को 600 रुपए में और निजी अस्पतालों को 1,200 रुपए में देगी.

वैक्सीन की तीन अलग-अलग कीमतों को लेकर जमकर विवाद हो रहा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कंपनियों को वैक्सीन की कीमतें तय करने का अधिकार देकर सरकार ने मुनाफाखोरी की परमिशन दे दी है. वहीं, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि सरकार को वैक्सीन की कीमतें तय करने का अधिकार है. ओवैसी ने ट्वीट किया, "ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 1995 के तहत केंद्र सरकार के पास दवा की कीमतें तय करने की शक्ति है." उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि इस ऑर्डर का इस्तेमाल करोड़ों भारतीयों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जाए.

भारत में इस वक्त तीन वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिली है. पहली वैक्सीन है कोविशील्ड, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है और दूसरी है कोवैक्सीन, जिसे भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर बनाया है. तीसरी वैक्सीन है स्पुतनिक-V, जिसे इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल गई है. ये रूसी वैक्सीन है, जिसे भारत की डॉ. रेड्डी लैब बनाएगी. बताया जा रहा है कि मई में स्पुतनिक-V का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

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