मॉनसून सत्र में कोरोना का मुद्दा सबसे गरम है. मंगलवार को राज्यसभा में कोरोना की रोकथाम, योजना और हालात पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने जवाब दिया.
तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मन, कर्म, भाव से काम करेंगे तो कोई लहर नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि आपदा के वक्त में राजनीति नहीं होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा है कि 130 करोड़ लोग एक साथ चलेंगे तो आगे बढ़ेंगे. हमें मिलकर चलने की जरूरत है.
मनसुख मांडविया ने कहा कि सदन में चर्चा के दौरान मैंने सुना कि जो कोरोना में अच्छा हुआ वो राज्य ने किया और जो खराब हुआ उसके लिए केंद्र जिम्मेदार है, लेकिन इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ने के लिए हर संभव प्रयास जारी हैं. वैक्सीनेशन पर हमारा पूरा जोर है, जहां कमी की बात सामने आती है, वहां हम मुहैया करा रहे हैं.
भारत की पहली डीएनए वैक्सीन
उन्होंने कहा कि भारत की पहली डीएनए वैक्सीन जायडस कैडिला की होगी. जायडस ने अपनी वैक्सीन के तीनों चरण के ट्रायल पूरे कर लिए हैं. उम्मीद है कि जायडस के 7 करोड़ डोज सितंबर-अक्टूबर तक बाजार में आ जाएंगे. बच्चों के वैक्सीनेशन पर मांडविया ने कहा कि इसकी शुरुआत जल्द होने जा रही है.
मौते के आंकड़ों पर क्या बोले?
उन्होंने कहा कि कोरोना से मौते के आंकड़े छुपाने का क्या कारण हो सकता है, ये तो जिम्मेदारी का विषय होता है. भारत सरकार आखिर क्यों आंकड़े छुपाएगी? ये आंकड़े राज्य द्वारा भेजे जाते हैं, फिर प्रधानमंत्री कैसे जिम्मेदार होंगे? उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोरोना से हुए मौत का आंकड़ा नहीं छुपाती बल्कि जो राज्य सरकार आंकड़ा भेजती है उसे कंपाइल कर पब्लिश करती है.
दरअसल, राज्यसभा में शिवसेना सांसद संजय राउत ने पूछा था कि दूसरी लहर में मौत के आंकड़े सरकार क्यों छुपा रहे हैं? कितने लोगों की मौत हुई? हमें इसका सही आंकड़ा बताइए, जो रिपोर्ट हैं वो सरकारी आंकड़े से ज्यादा है.