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देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण एक मार्च से शुरू हो गया है. इस चरण में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 45 साल तक से अधिक उम्र के गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा. इससे पहले वैक्सीनेशन के पहले चरण में केवल हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी गई थी.
भारत की जनगणना 2011 की जनसंख्या अनुमानों के अनुसार, भारत में 2021 में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की अनुमानित जनसंख्या लगभग 13.7 करोड़ है. यह आंकड़ा 2021 के लिए अनुमानित जनसंख्या का लगभग 10 प्रतिशत है, और इसमें 9.5 प्रतिशत पुरुष और 10.7 प्रतिशत महिला आबादी है.
इसी तरह 45 से 59 आयु वर्ग की अनुमानित आबादी 20.7 करोड़ है. इस उम्र के लोगों को भी इस फेज में कोरोना वैक्सीन का टीका लग सकता है, अगर वह भारत सरकार द्वारा निर्धारित 20 में से किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, 45 से 59 आयु वर्ग के करीब 37 लोग एक या उससे अधिक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.
45 से 59 वर्ष के आयु वर्ग के 24 फीसदी लोग एक गंभीर बीमारी और 13 प्रतिशत लोग कई गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इस आयु वर्ग में ग्रामीण क्षेत्रों (33 प्रतिशत) की तुलना में शहरी क्षेत्रों में रहने वाले (45 प्रतिशत) लोगों में अधिक गंभीर बीमारी है. वहीं, 60 साल से अधिक उम्र के 52 फीसदी लोग गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.
दोनों आयु वर्ग (45 से 59 और 60+) में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक गंभीर बीमारियां हैं. रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की जीवन प्रत्याशा पुरुषों की तुलना में अधिक है, इसलिए बीमारियां होने की अधिक संभावना है. अध्ययनों से पता चला है कि कई महिलाएं बीमारियों के पहले के लक्षणों को अनदेखा करती हैं और गंभीर होने पर ही इलाज कराती हैं.
स्वास्थ्य एक्सपर्ट ने कहा कि महिलाओं में मोटापा अधिक है, जो जोखिम कारक है. अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (सिक्किम को छोड़कर) में LASI सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण में 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के 72,000 से अधिक वृद्ध वयस्कों ने भाग लिया.
राज्यवार बात करें तो केरल में 45 से 59 आयु वर्ग के 56 फीसदी लोगों में एक या उससे अधिक गंभीर बीमारियां हैं. केरल के बाद जम्मू और कश्मीर (50.9 प्रतिशत), लक्षद्वीप (49%) और चंडीगढ़ (49 प्रतिशत) शीर्ष स्थान पर हैं, जहां 45 से 59 आयु वर्ग में बीमारियां अधिक हैं.
इसकी तुलना में उत्तर-पूर्वी राज्यों में व्यापकता कम है. इस सर्वे से पता चलता है कि 45 से 59 वर्ष के बीच के लगभग 37 प्रतिशत या 7 करोड़ से अधिक लोग मौजूदा चरण में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पात्र हो सकते हैं. इसके अलावा 13.7 करोड़ लोग जो 60 वर्ष की आयु से ऊपर हैं, वे भी पात्र हैं.
(रिपोर्ट- पीयूष अग्रवाल)