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Nasal Vaccine: अगले हफ्ते से शुरू हो सकता है भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन का ट्रायल

Nasal Vaccine: नेजल वैक्सीन का ट्रायल अगले हफ्ते से शुरू हो सकता है. यह नेजल वैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई है.

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 Nasal वैक्सीन (सांकेतिक तस्वीर)
Nasal वैक्सीन (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन का ट्रायल
  • अगले हफ्ते शुरू हो सकता है नेजल वैक्सीन का ट्रायल

देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन के बीच अब नेजल (Nasal) वैक्सीन का ट्रायल भी होने जा रहा है. नेजल वैक्सीन का ट्रायल अगले हफ्ते से शुरू हो सकता है. यह नेजल वैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई है. इससे पहले भारत बायोटेक की ही कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN) को देशभर में उपयोग किया जा रहा है. 

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बताया जा रहा है कि आज किसी भी ट्रायल साइट पर परीक्षण नहीं किया जा सका. एथिक्स कमेटी से अभी तक 4 केंद्रों पर प्रस्तावों को मंजूरी अभी नहीं मिली है. ये चार सेंटर हैं पटना एम्स, चेन्नई, नागपुर और हैदराबाद. भारत बायोटेक देश में Nasal वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को प्रपोजल भेज चुका है. 

भारत बायोटक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर Nasal वैक्सीन पर रिसर्च कर इसे तैयार किया है. जिसके बाद भारत में पहले और दूसरे फेज़ के ट्रायल के लिए इजाजत मांगी गई.  

गौरतलब है कि कोविड वैक्सीनेशन के दौरान वैक्सीन की डोज आपको एक इंजेक्शन के जरिए हाथ में लगाई जाती है. वहीं नेजल वैक्सीन हाथ के जरिए नहीं बल्कि नाक के माध्यम से शरीर में जाती है. इस वैक्सीन को व्यक्ति के नाक के जरिए सीधा श्वासन मार्ग में खुराक को पहुंचाना है. जाहिर है कि कोविड मरीज को सबसे ज्यादा सांस लेने में दिक्कतें आती हैं. लिहाजा नेजल स्प्रे काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. 

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गौरतलब है कि भारत में अबतक कुल दो वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. पहली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, वहीं दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है. इन दोनों वैक्सीन का बड़े पैमाने पर भारत समेत दूसरे देशों में भी उपयोग किया जा रहा है. 

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