कोरोना वायरस का यूनाइटेड किंगडम में मिला वैरिएंट अन्य कोरोना वायरस के मुकाबले अधिक घातक है,अब एक रिसर्च ने भी ये माना है कि एक साल पहले ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वैरियंट अन्य कोरोना वैरियंट के मुकाबले 30% से 100 प्रतिशत अधिक खतरनाक है.
इस स्टडी में ब्रिटेन वैरियंट (SARS-CoV-2 variant जिसे B.1.1.7 के नाम से भी जाना जाता है) से प्रभावित मरीजों के मरने की दर और अन्य कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों की मृत्यु दर की आपस में तुलना की गई है. इसके बाद पाया गया कि दोनों दरों के बीच भारी अंतर है. कोरोना के UK वैरिएंट (B.1.1.7) की पहचान साल 2020 के सितंबर महीने में पहली बार हुई थी. इसके बाद ये वैरिएंट सौ से भी अधिक देशों में पाया गया है.
इस कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड में 23 म्युटेशंस पाए जाते हैं. जो बाकी अन्य से तुलना करने पर एक बड़ी संख्या है. इसमें कुछ म्युटेशंस की वजह से इसका प्रसार अन्य के मुकाबले और अधिक तेजी से होता है. वैज्ञानिकों के अनुसार ये वैरिएंट पहले के डोमिनेंट वैरिएंट से भी 40 से 70 प्रतिशत संक्रामक है.
यूके के ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में पब्लिश हुई इस स्टडी के अनुसार यूके वैरियंट के 54,906 संक्रमित लोगों में से 227 मरीजों की मौत हो गई जबकि अन्य वैरियंट से संक्रमित इतने ही लोगों में से केवल 141 मौत हुई. स्टडी ने कहा है कि एक तो ये अत्यधिक घातक है, ऊपर से ये बाकी कोरोना वायरस के मुकाबले तेजी से फैलता भी है इसलिए ये चिंता का विषय होना चाहिए.
इससे पहले पिछले साल भी एक ग्रुप (New and Emerging Respiratory Virus Threats Advisory Group) ने यूके वैरिएंट से संबंधित शुरुआती रिसर्च यूके सरकार के सामने पेश की थी जिसमें बताया गया था कि ये वैरियंट बाकी वैरिएंट के मुकाबले अधिक खतरनाक है. अब नई स्टडी के आने से इस बात को और अधिक प्रमाणिकता मिल जाएगी.