उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी वसूली करने वाले अस्पतालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. 14 निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर कोरोना मरीजों से अधिक शुल्क लेने के आरोपों का जवाब देने के लिए तलब किया गया है. जिला प्रशासन ने दो दिन के भीतर नोटिस का जवाब नहीं देने पर अस्पतालों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की ओर से ये नोटिस भेजा गया है. सूत्रों के अनुसार इस नोटिस के साथ चेतावनी दी गई है कि 2 दिन के भीतर नोटिस का जवाब नहीं देने पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उनकी कोविड हॉस्पिटल की मान्यता भी समाप्त की जा सकती है.
सीएमओ डॉ. वीबी सिंह के अनुसार 14 अस्पताल ज्यादा फीस वसूल रहे थे. नर्सिंग केयर, विशेषज्ञों और सुविधाओं के नाम पर एक्स्ट्रा चार्ज वसूला जा रहा था. उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में इलाज की दरें नियमों के अनुरूप नहीं पाई गई, जिसके बाद इन हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया गया है.
सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि अन्य अस्पतालों पर भी इलाज और उनके द्वारा लिए जा रहे शुल्क पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है. वहीं 14 अस्पतालों को नोटिस दिए जाने से निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है. जिन अस्पतालों को नोटिस दिया गया है, उनमें एपेक्स, पॉपुलर और ओमेगा जैसे बड़े नाम शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग शहर के 36 अस्पतालों पर कड़ी निगरानी रख रहा है.
बता दें कोरोना महामारी के समय में दवाओं की कालाबाजारी और मरीजों से इलाज के नाम पर की जा रही मनमानी वसूली के मामले में सीएम योगी ने सख्ती से निपटने के निर्देश दिए थे. इसी क्रम में वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा 14 हॉस्पिटल के खिलाफ ये कदम उठाया गया है.