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Corona peak in India: भारत में हर दिन 10 लाख केस, क्या-क्या खतरे? पीक को लेकर देश-दुनिया के विशेषज्ञों की राय

Omicron peak: भारत में कोरोना और ओमिक्रॉन की मौजूदा लहर का पीक कब आएगा? इस सवाल के जवाब में देश विदेश की बड़ी संस्थाओं ने कहा है कि ये समय जनवरी के आखिरी सप्ताह से लेकर फरवरी में होगा. तब भारत में 4 से 10 लाख के बीच रोजाना नए केस आएंगे.

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Corona peak in India (प्रतीकात्म तस्वीर)
Corona peak in India (प्रतीकात्म तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत के विशेषज्ञों ने हर दिन 10 लाख तक केस का अनुमान जताया
  • जनवरी में कोरोना का नया पीक आने की आशंका
  • विदेशी वैज्ञानिक ने फरवरी में पीक की आशंका जताई

Corona Omicron peak: भारत में रोजाना जिस तरह से कोरोना के केस आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ रहे हैं, उसे देखकर वैज्ञानिक हैरान हैं. ओमिक्रॉन वेव शुरू होने के बाद हर दिन लगभग 40 से 45 फीसदी मरीज रोज बढ़ जा रहे हैं. दुनिया भर की संस्थाएं अब ये आकलन लगा रही हैं कि जब इस लहर का पीक आएगा तो भारत में 24 घंटे में कितने केस आएंगे?

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अमेरिका के एक हेल्थ एक्सपर्ट ने अपनी रिसर्च में कहा है कि भारत में कोरोना की मौजूदा लहर का पीक अगले महीने यानी फरवरी में आएगा, उस दौरान देश में रोजाना 5 लाख केस आएंगे. जबकि देश की संस्था IIS ने रोजाना 10 लाख केस का डराने वाला अनुमान जताया है. आईआईटी कानपुर की स्टडी है कि जनवरी में ही पीक आ जाएगा और हर दिन करीब 4-8 लाख केस आएंगे.

विदेशी वैज्ञानिक का अनुमान

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, वाशिंगटन स्थित इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इव्योलूशन (IHME) के डायरेक्टर डॉ क्रिस्टोफर मुर्रे ने ये आकलन किया है. डॉ क्रिस्टोफर मुर्रे ने कहा, "भारत ओमिक्रॉन वेव में प्रवेश कर रहा है, जैसा कि दुनिया के कई देश कर रहे हैं, और हमें अनुमान है कि जब इसका पीक आएगा तो पिछले साल डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले इसके ज्यादा केस आएंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले कम हानिकारक है. 

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फरवरी में पीक, 5 लाख केस रोजाना

ओमिक्रॉन वेव का अनुमान बताते हुए डॉ क्रिस्टोफर ने कहा, "नए केस के मामले में रिकॉर्ड बन रहा है, लेकिन अगर बीमारी के असर की बात की जाए तो ये कम खतरनाक है." वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के हेल्थ मेट्रिक्स साइंसेज के अध्यक्ष डॉ क्रिस्टोफर ने कहा है कि वे पूरा डाटा बाद में जारी करेंगे लेकिन मूल बात यह है कि भारत में अगले महीने यानी कि फरवरी में इस लहर का पीक आना चाहिए, इस दौरान 5 लाख केस रोजाना आएंगे. 

क्या ओमिक्रॉन कम खतरनाक होगा?

क्या भारत में हाइब्रिड इम्युनिटी विकसित हुई है, इस वजह से ओमिक्रॉन कम खतरनाक होगा? इस सवाल के जवाब में दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर डेल्टा और बीटा दोनों वैरिएंट का संक्रमण बहुत ज्यादा था, इसके बाद वैक्सीन से बीमारियों से प्रतिरक्षा मिलती है, और बीमारी की चपेट में आने के बावजूद अस्पताल कम जाना पड़ता है और मौतें भी कम होती है. इसलिए हम ऐसा सोचते हैं कि भारत में ओमिक्रॉन के केस काफी होंगे लेकिन डेल्टा वेव की तुलना में अस्पतालों में भर्ती और मौतें कम होंगी. 

Omicron: भारत में रोजाना आएंगे 10 लाख तक कोरोना केस, IIS ने बताया- कब आएगा पीक और कब होगा खत्म

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ज्यादातर मामलों में नहीं दिखेंगे लक्षण

डॉ क्रिस्टोफर मुर्रे ने अपने अध्ययन के आधार पर कहा कि 85.02 प्रतिशत संक्रमण के मामले में तो लक्षण दिखेगा ही नहीं. लेकिन इनमें से कुछ लोगों को अस्पताल जाने की नौबत आ सकती है. उन्होंने कहा कि उनके आकलन के अनुसार डेल्टा वेव के दौरान भारत में जितने लोगों को अस्पताल जाने की नौबत आई थी उसका एक चौथाई हिस्सा ही इस बार अस्पताल में एडमिट होंगे और मौतें पहले से कम होंगी. 

उन्होंने कहा कि पुराने लहर की तुलना में ओमिक्रॉन 90 से 95 फीसदी कम खतरनाक है लेकिन बुजुर्ग लोग बीमार पड़ेंगे. इसलिए उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. बता दें कि भारत सरकार को-मॉरबिडिटीज वाले बुजुर्गों को बूस्टर डोज लगाने जा रही है

IIS ने 10 लाख केस रोजाना का किया अनुमान

बता दें कि भारत की प्रतिष्ठित संस्था भारतीय विज्ञान संस्थान और भारतीय सांख्यिकी संस्थान बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले जनवरी के तीसरे और चौथे हफ्ते में सबसे अधिक होंगे और फिर मार्च की शुरूआत होते-होते कम होने लगेंगे. इस संस्था ने कहा है कि रोजाना 3 लाख, 6 लाख या फिर 10 लाख तक मामले सामने आ सकते हैं. शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में कहा है कि अगर ये माना जाए  कि 30 फीसदी आबादी ही कोविड के खिलाफ ज्यादा कमजोर है या आसानी से चपेट में आ सकती है तो ऐसी स्थिति में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आए मामलों की तुलना में ये आंकड़ा कम ही होगा.

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IIT कानपुर की अलग स्टडी

भारत में इस लहर की पीक कब आएगी इसे लेकर IIT कानपुर ने भी एक स्टडी की है.  कानपुर IIT के प्रोफेसर डॉक्टर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा है कि अनुमान के अनुसार जनवरी के आखिरी सप्ताह या फिर फरवरी के शुरुआत में तीसरी लहर का पीक हो सकता है. इस दौरान 4 से 8 लाख केस प्रतिदिन आएंगे. प्रोफेसर अग्रवाल ने दिल्ली को लेकर कहा कि दिल्ली में 15 जनवरी के आसपास तीसरी लहर का पीक हो सकता है. इस दौरान 35 से 70 हजार केस रोजाना सामने आएंगे. साथ ही पीक के दौरान अस्पतालों में 12 हजार से कम बेड की जरुरत होगी. 

आज 1.42 लाख केस 

बता दें कि भारत में शनिवार को कोरोना के एक लाख बयालीस हजार नए केस आए हैं. ये कल के मुकाबले 21 फीसदी ज्यादा है. कल भारत में एक लाख 17 हजार केस आए थे. 
 

 

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