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दिल्ली में Omicron की लहर तेज, जानिए कहां और कैसे हो रहा टेस्ट, कहां हो रहा इलाज?

ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों के इलाज में ये तथ्य सामने आया कि ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि इनमें वैसी समस्या नहीं देखने को मिल रही है, जैसी कि कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट की वजह से देखने को मिली थी. ओमिक्रॉन के मरीजों में सांस लेने की, कफ की, तेज बुखार की समस्या नहीं है. 

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सांकेतिक फोटो.
सांकेतिक फोटो.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में अब तक मिले 20 मरीज में से 10 डिस्चार्ज
  • सेंट्रल दिल्ली के LNJP अस्पताल में ओमिक्रॉन के मरीजों का चल रहा इलाज

दिल्ली में ओमिक्रॉन (Omicron) की लहर तेज हो रही है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि ओमिक्रॉन संक्रमितों के लक्षण क्या हैं? अगर हमें ऐसे लक्षण महसूस हो तो कहां टेस्ट कराना होगा? इलाज के लिए किस अस्पताल में जाना होगा? ओमिक्रॉन वैरिएंट आखिर कितना खतरनाक है? इन सभी सवाल का जवाब जानने के लिए 'आजतक' ने सेंट्रल दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार से खास बातचीत की. 

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दिल्ली के दो अस्पताल में ओमिक्रॉन की जांच

डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि ओमिक्रॉन का खतरा ज्यादा उन्हें है जो ओमिक्रॉन पॉजिटिव के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग लिस्ट में हैं या फिर किसी हाई रिस्क वाले देशों से आए हैं. हाई रिस्क वाले देशों से आने पर दिल्ली एयरपोर्ट पर RTPCR टेस्ट किया जाता है. टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर मरीज को अस्पताल में एडमिट किया जाता है. फिर RTPCR के लिए दिए गए सैंपल को ही जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाता है. दिल्ली सरकार की 2 जीनोम सिक्वेंसिंग लैब है. एक लैब में 400 सैम्पल रोजाना टेस्ट किए जा सकते हैं. दूसरी लहर के बाद एक लैब LNJP अस्पताल और दूसरी लैब ILBS अस्पताल में बनाई गई है.  

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क्या ओमिक्रॉन के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी?

सुरेश कुमार ने बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों के इलाज में ये तथ्य सामने आया कि ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि इनमें वैसी समस्या नहीं देखने को मिल रही है, जैसा कि कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट की वजह से देखने मिली थी. ओमिक्रॉन के मरीजों में सांस लेने की, कफ की, तेज बुखार की समस्या नहीं है. 

फिर लक्षण क्या होंगे? 

डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि अबतक साउथ अफ्रीका या यूरोप से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का जो डेटा आया है, उसके मुताबिक ओमिक्रॉन के मरीज हल्के लक्षण वाले होते हैं. गले में दर्द, लूज मोशन, हल्का बुखार होगा लेकिन अब तक सांस और बीपी से संबंधित समस्या नहीं देखी गई है. (जैसा कि डेल्ट केस में था) 

ओमिक्रॉन की पुष्टि के बाद कहां इलाज कराना पड़ेगा?

LNJP अस्पताल में ओमिक्रॉन के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. दिल्ली में अबतक मिले 20 मरीजों को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

अबतक जिनमें लक्षण मिल चुके हैं, उनका हेल्थ कैसा है? उन्हें क्या-क्या दिक्कतें हुईं?

एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती 20 मरीजों में से 18 मरीजों में बिल्कुल भी लक्षण नहीं थे जबकि 2 मरीजों में लक्षण पाए गए हैं. हल्के लक्षण वाले मरीजों को न तो बुखार था, न सांस लेने में दिक्कत थी और न कोई अन्य लक्षण पाया गया है. वहीं दो मरीजों में मामूली लक्षण पाए गए हैं.

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एक मरीज को बुखार, गले में दर्द और कमजोरी थी, लेकिन मरीज का ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन लेवल सामान्य था. दूसरे मरीज को दस्त की परेशानी थी और हल्का बुखार हुआ था। दोनों ही मरीजों का इलाज कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया और ये तीन दिन में ठीक भी हो गए. जिसके बाद इन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. उन्होंने बताया कि अबतक ओमिकॉन से संक्रमित 10 मरीजों को LNJP अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है. डिस्चार्ज किए जाने वाले मरीजों का ब्लड टेस्ट और एक्सरे भी किया गया, लेकिन रिपोर्ट सामान्य आई.

क्या दूसरी लहर जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं?

डॉक्टर सुरेश ने बताया कि LNJP अस्पताल में भर्ती हुए ओमिक्रॉन के सभी 20 मरीजों में से एक भी मरीज को ऑक्सीजन, ICU या लाइफ सपोर्ट की जरूरत महसूस नहीं हुई है, जबकि इससे पहले कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों को ICU की जरूरत महसूस होती थी. गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में अस्पताल से लेकर मरीजों के परिजन ऑक्सीजन के लिए परेशान देखे गए थे, लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट से खतरे के सवाल पर जो जवाब मिला उससे राहत नजर आ रही है. 

क्या वैक्सीन को दोनों डोज लेने वाले भी संक्रमित हो रहे हैं?

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LNJP अस्पताल के डायरेक्टर ने बताया कि ओमिक्रॉन के 20 मरीजों में से 18 मरीजों ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके हैं जबकि दो मरीजों ने एक-एक डोज लिया है. डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि अगर वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई है तो मरीज को गंभीर समस्याएं नहीं होंगी. ओमिक्रॉन हुआ भी तो ICU में नहीं जाना पड़ेगा, ऑक्सीजन लेवल भी सामान्य रहेगा और जल्द ही ठीक हो जाएंगे.

महाराष्ट्र ओमिक्रॉन केस में अव्व्ल, ये है दूसरे राज्यों का हाल

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक ओमिक्रॉन देश के 12 राज्यों में अपनी दस्तक दे चुका है. लिहाजा ओमिक्रॉन के महाराष्ट्र में 54 केस मिल चुके हैं. वहीं दिल्ली इस मामले में दूसरे नंबर है यहां अभी तक कोरोना के 24 मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं तेलंगाना 20 मरीजों के साथ तीसरे नंबर है. राजस्थान में 17, कर्नाटक में 14 , गुजरात में 11, केरल में 11, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में एक मरीज मिला है.

 

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