भारत में ओमिक्रॉन खतरे के बीच नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने चिंता में डालने वाला बयान दे दिया है. उनके मुताबिक भविष्य में वैक्सीन की क्षमता कमजोर पड़ सकती है और बदलते वेरिएंट्स को देखते हुए नई वैक्सीन जरूरत महसूस हो सकती है.
वीके पॉल के बयान ने बढ़ाई टेंशन
वीके पॉल ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि बदलती परिस्थिति के बीच हमारी वैक्सीन भी कमजोर साबित होने लगे, ऐसे में अब ऐसी वैक्सीन की जरूरत है जो नए-नए वेरिएंट के खिलाफ भी असरदार रहे. वे ये भी मानते हैं कि अगर महामारी से प्रभावी अंदाज में निपटना है तो इसके लिए ड्रग्स डेवलपमेंट को लेकर एक मजबूत रणनीति रहनी चाहिए, विज्ञान के क्षेत्र में निवेश बढ़ना चाहिए.
अब वीके पॉल का ये बयान उस समय आया है जब देश में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. अभी तक देश में इस नए वेरिएंट के कुल 57 मामले सामने आ चुके हैं. इसमें भी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं. आज भी राज्य में ओमिक्रॉन वेरिएंट के आठ नए मामले सामने आए हैं, वहीं कुल आंकड़ा 28 पहुंच गया है. दिल्ली में भी ओमिक्रॉन के आज चार मामले सामने आ गए हैं, राजस्थान में भी इस वेरिएंट ने तेजी से पैर पसार लिए हैं.
भारत की क्या रणनीति?
देश के राज्यों में अब ओमिक्रॉन से निपटने के लिए थ्री टी फॉर्मूले पर काम शुरू हो गया है. ये थ्री टी फॉर्मूला है ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और टेस्टिंग. इसके अलावा जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए तीन लैब हैं, सरकार नागपुर और औरंगाबाद में भी लैप शुरू करने पर विचार कर रही है. दुनिया में ओमिक्रॉन को लेकर दहशत इसलिए और फैल गई है, क्योंकि ब्रिटेन में ओमिक्रॉन से पहली मौत हो गई और नार्वे की सरकार ने आंशिक रूप से लॉकडाउन लगा दिया है.