गुजरात में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. हॉस्पिटल में बेड की कमी है, तो वहीं लोग होम आइसोलेशन में उपचार ले रहे हैं, लेकिन यहां भी बड़ा संकट खड़ा हो सकता है. होम आइसोलेशन में जिन मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता है, उनके परिजनों को ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदने पड़ते हैं. ऐसे में जहां बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलिंडर की आवश्यकता है, तो वहीं सरकार ने ऑक्सीजन सिलिंडर बनाने वाली कंपनी का लिक्विड ऑक्सीजन बंद कर दिया है, इसके चलते यहां सिलिंडर बनाने का काम पूरी तरह ठप हो गया है.
ये बोले व्यापारी नेता
वहीं गांधीधाम चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अनिल जैन ने बताया कि ऑक्सीजन सिलिंडर बनाने वाली यूनिट के पास एक एक लाख से ज्यादा सिलिंडर बनाने की डिमांड हैं, लेकिन कोरोना माहामारी के इस समय में इन यूनिट को दी जाने वाली लिक्विड ऑक्सीजन ही बंद कर दी गई है. ऐसे में इन यूनिट में मैन्युफैक्चिरिंग पूरी तरह बंद हो गई है. मांग के अनुरूप किसी को भी सिलिंडर नहीं दे पा रहे हैं, जिससे लोग खाली सिलिंडर के लिए भी परेशान हैं.
6 दिन बाद शुरू हुआ काम
इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से गुजरात के कच्छ की गांधीधाम की दो प्रमुख सिलिंडर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों का काम ठप हो गया है. ऑक्सीजन के बिना सिलिंडर बना पाना ना मुमकिन है. पांच दिन तक सिलिंडर बनाने वाली कम्पनी का काम ठप पड़ा रहा, जिसके बाद स्पेशल कोटा से उन्हें ऑक्सीजन डीआरडीओ के जरिए उपलब्ध करवाया गया.
हालांकि वो भी मेडिकल ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से बंद हो गई और केंद्र सरकार के जरिए 27 अप्रैल को वापस एक सर्क्युलर निकला और ऑक्सीजन सिलिंडर बनाने वाली कंपनी का ऑक्सीजन सप्लाई न रोकेने के आदेश किए.
इस बीच केंद्र सरकार के आदेश के बाद भी लगातार सिलिंडर कम्पनियों की गुजरात सरकार से बातचीत चलती रही थी, लेकिन कुछ हल न निकलने पर अब सिलिंडर कंपनियों ने ऑक्सीजन की व्यवस्था खुद की और बेंगलुरु से ऑक्सीजन सप्लाई मंगवाया है, इसके बाद पिछले 6 दिनों से बंद ऑक्सीजन सिलिंडर बनाने का काम शुरू हो पाया है.
लोगों को ही होगी परेशानी
गांधीधाम चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अनिल जैन ने बताया कि पांच सात दिनों से लगातार ऑक्सीजन की मांग बढ़ रही है. ऐसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सिलिंडर की डिमांड भी अधिक हो गई है. सरकार को सोचना चहिए, कि यदि सिलिंडर का प्रोडेक्शन रुक जाएग, तो लोगों को ही परेशानी होगी.
ये बोले अधिकारी
वहीं इस मामले में गुजरात सरकार के सिनियर IAS अधिकारी का कहना है कि हमारी पहली प्राथमिकता कोविड हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को हर हालत में ऑक्सीजन की आपूर्ति कराना है. इसके बाद ऑक्सीजन बचता है, तो उसे दवा कंपनी और इंड्रस्टीज को देने का प्रयास किया जाएगा.
व्यापारियों ने की ये मांग
वहीं रुपाणी सरकार को व्यापारियों के जरिए कहने के बाद आज गुजरात सरकार ने स्थानीय प्रशासन को आदेश देते हुए कहा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर बनाने वाली कंपनी को ऑक्सीजन सप्लाई दी जाए, जिससे ऑक्सीजन सिलिंडर बनाने का काम न रुके. सिलिंडर बनाने वाली कम्पनियों को भी उम्मीद है कि जल्द से जल्द गुजरात सरकार भी ऑक्सीजन मुहैया करवाएगी, जिससे सिलिंडर बनाने का काम न रुके.
बता दें देश के बड़े दो सिलिंडर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट गुजरात के कच्छ में स्थित हैं. वहां सिलिंडर बनाने का काम पिछले पांच दिन से ठप पड़ गया था. आज वापस सिलिंडर बनाने वाली कम्पनियों को बेंगलुरु से ऑक्सीजन सप्लाई मिलेने पर सिलिंडर प्लान्ट में फिर से काम शुरू हुआ है.