दो महीने से ज्यादा की लॉकडाउन की अवधि के बाद पहली बार संसद का कामकाज जल्दी शुरू होने के संकेत मिले हैं. संसद की गृह मामलों की स्थायी समिति की बैठक 3 जून को संसद भवन में बुलाई गई है. ये बैठक डिजिटल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नहीं होगी. समिति के सभी सदस्य बैठक में खुद उपस्थित रहेंगे.
स्थायी समिति के अध्यक्ष आनंद शर्मा ने यह बैठक बुलाई है. समिति के सभी सदस्यों को तारीख, बैठक की जगह, समय और एजेंडा के बारे में संदेश भेज दिए गए हैं.
लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति पर जानकारी
केंद्रीय गृह सचिव कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न स्थिति पर समिति को जानकारी देंगे. समिति को ये भी बताया जाएगा कि गृह मंत्रालय के लिए क्या क्या कदम उठाए गए. लॉकडाउन के चार चरण तय करने के लिए अपनाई गई मेथेडोलॉजी पर मंत्रालय के अधिकारियों से समिति के सदस्यों की ओर से अनेक सवाल किए जाने की संभावना है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस और प्रतिबंधों में ढील को लेकर भी सवाल पूछे जा सकते हैं.
असल में समिति की बैठक जिस तारीख को होगी उस तारीख से पहले ही केंद्र और राज्य सरकारें फैसला ले चुकी होंगी कि लॉकडाउन 5.0 लागू किया जाना है या नहीं. लॉकडाउन 4.0 की अवधि 31 मई को खत्म हो रही है.
प्रवासियों के मुद्दे पर सरकार से जवाब
समिति के सदस्य और विपक्षी दल के एक वरिष्ठ नेता ने आजतक/इंडिया टुडे से कहा, हम प्रवासियों के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेंगे. गृह मंत्रालय, जो केंद्र और राज्यों के बीच नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है, गाइडलाइंस जारी कर रहा था. ये गाइडलाइंस पूरे देश में 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों की ओर से सामना किए गए संकट का पूर्वानुमान लगाने और उसका समाधान करने में क्यों नाकाम रहीं.”
संसद की स्थायी समिति की पहली बैठक से 37 नए राज्यसभा सदस्यों के लिए उम्मीदें जगी हैं, जो निर्विरोध चुने गए थे लेकिन उन्हें शपथ नहीं दिलाई जा सकी. बताया जाता है कि राज्यसभा के चेयरमैन ने इस मुद्दे पर सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और सदन के नेता थावरचंद गहलोत के साथ चर्चा की है और शपथ ग्रहण का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है. संसद में काम की शुरुआत से 18 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव का रास्ता साफ होगा जिसके लिए चुनाव प्रक्रिया रूक गई थी. चुनाव आयोग की ओर से राज्यसभा चेयरमैन के इस संबंध में आग्रह पर विचार किया जा रहा है.
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सूत्रों का कहना है कि संसदीय कार्य मंत्रालय अगले सत्र का ब्लू प्रिंट तैयार करने के लिए गृह मंत्रालय और अन्य के संपर्क में हैं. हालांकि, बहुत कुछ COVID 19 की स्थिति पर निर्भर करता है. केसों की संख्या बढ़ते रहने से शेड्यूल में विलंब हो सकता है. बता दें कि Covid-19 को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच संसद को 23 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था.
इस महीने की शुरुआत में होम अफेयर्स स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष आनंद शर्मा, आईटी स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष शशि थरूर और लेबर स्टैंडिंग कमेटी के भर्तृहरि महताब ने दोनों सदनों के प्रमुखों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समितियों की बैठक कराने के समर्थन में चिट्ठी लिखी थी. लेकिन लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमैन ने समितियों की कार्यवाही को गोपनीय बताने के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफार्म्स पर सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए इस मांग को खारिज कर दिया था.
नियमित ट्रेन सेवाएं शुरू किए जाने के संकेत
संसद का सत्र शुरू होने में सबसे बड़ी बाधा फ्लाइट्स पर बैन को लेकर थी. ट्रेन सेवा फिर से शुरू होने पर कोई स्पष्टता नहीं थी. दोनों सदनों के 790 सांसदों में से करीब 690 सांसद फ्लाइट या ट्रेन साधनों का उपयोग करते हुए सत्रों में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आते हैं. 25 मई से घरेलू हवाई यात्रा फिर से शुरू हो गई हैं. रेलवे की ओर से श्रमिक विशेष ट्रेनों के ट्रायल के बाद बंदिशों में और ढील के बाद नियमित ट्रेन सेवाएं शुरू किए जाने के संकेत हैं.
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लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और राज्यसभा चेयरमैन एम वेंकैया नायडू संसदीय समितियों का नियमित कामकाज सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल के साथ शुरू करने के लिए पिछले एक महीने से संसदीय ढांचे की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं.
राज्यसभा के चेयरमैन ने इस संबंध में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, ससंसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और दोनों सदनों के सचिवालयों के वरिष्ठ अधिकारियों से शनिवार को मुलाकात की. इस बैठक में कमेटी रूम्स की तैयारियों और उपलब्धता के बारे में जानकारी ली गई. साथ ही यह विचार किया गया कि कैसे COVID-19 प्रोटोकॉल सुनिश्चित किया जाए.
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