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बिहार में कोरोना संक्रमण ने तेजी से पैर पसाराना शुरू कर दिए हैं. राजधानी पटना में हालात खराब होते जा रहे हैं. सरकार के दावे के बाद भी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की किल्लत है. कोरोना मरीजों के परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकते नजर आ रहे हैं. पटना की सड़कों पर भटकते हुए कुछ ऐसे ही परिजनों से जब आजतक की टीम ने बात की, तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया.
पटना के सिपारा स्थित ऑक्सीजन प्लांट पर पहुंची आजतक की टीम ने यहां ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए जूझते नजर आए सौरभ से बात की. सौरभ ने बताया कि उनकी बहन अर्चना कोरोना से संक्रमित है. उसका इलाज हनुमान नगर के पंचशील अस्पताल में चल रहा है. सौरभ ने बताया कि अर्चना की जान बचाने के लिए उन्हें चार से पांच ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता है. ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए वे काफी देर से इंतजार कर रहे हैं. सौरभ के हाथ में दो खाली ऑक्सीजन सिलेंडर थे.
सौरभ ने बताया कि घंटों के इंतजार के बाद उन्हें जवाब मिला है कि चार घंटे बाद आना, उसके बाद ऑक्सीजन सिलेंडर मिलेगा. सौरभ ने बताया कि उसकी बहन के लिए हॉस्पिटल में बमुश्किल दो घंटे की ही ऑक्सीजन है, ऐसे में उसे जल्दी ऑक्सीजन नहीं मिली, तो उसकी बहन की जान को खतरा हो सकता है. वहीं सौरभ जैसे यहां कई लोग थे, जो ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए जूझते नजर आए.
हालांकि सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि झारखंड के बोकारो से भारी मात्रा में ऑक्सीजन बिहार मंगाया गया है, ताकि इस की किल्लत को दूर किया जा सके, मगर सच्चाई यह है कि राजधानी पटना में ही लोगों को सिलेंडर्स के लिए इधर.उधर लगातार भटकना पड़ रहा है.
वहीं इस मामले में सीएम नीतीश कुमार स्पष्ट कह चुके हैं कि बिहार में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं होने दी जाएगी. दो दिन पूर्व ही बीजेपी नेता सुशील मोदी ऑक्सीजन की कमी को लेकर केंद्रीय मंत्री से मिले थे, जहां से उन्हें आश्वासन मिला था कि बिहार में जल्द ही ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाएगी.