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वैक्सीन से रुकेगा कोरोना वायरस का संक्रमण, जानें फाइजर के CEO ने क्या कहा?

फाइजर के सीईओ अलबर्ट बौर्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों की हरी झंडी के बाद वैक्सीन जल्द ही आ जाएगी. ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन लगने को मंजूरी मिलने के बाद अलबर्ट बौर्ला ने कहा कि हालांकि यह देखा जाना बाकी है कि वैक्सीन की खुराक लेने वाले शख्स से किसी दूसरे में वायरस का संक्रमण हो रहा है या नहीं.

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सबसे पहले ब्रिटेन में वैक्सीन आ रही (फाइल फोटो-AP)
सबसे पहले ब्रिटेन में वैक्सीन आ रही (फाइल फोटो-AP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ब्रिटेन में मिल चुकी है वैक्सीन को मंजूरी
  • अमेरिका में फाइजर को हरी झंडी मिलनी बाकी
  • संक्रमण रोकने को लेकर कंपनी आश्वस्त नहीं

दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए सबसे पहले ब्रिटेन में वैक्सीन आ रही है जिसके लिए हरी झंडी मिल चुकी है. ब्रिटेन ने हाल में ही फाइजर और बॉयोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. साथ ही ब्रिटेन सरकार ने वैक्सीन लगने से पहले ऐलान किया है कि अगर किसी को टीके का साइड इफेक्ट होता है तो उसे मुआवजा दिया जाएगा.

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ब्रिटेन पहला देश है, जिसने अपने नागरिकों को कोरोना वैक्सीन देने का ऐलान किया है. लेकिन फाइजर के अधिकारी इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं कि वैक्सीन से कोरोना का संक्रमण रुकेगा या नहीं.

फाइजर के सीईओ अलबर्ट बौर्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों की हरी झंडी के बाद वैक्सीन जल्द ही आ जाएगी. ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन लगने को मंजूरी मिलने के बाद अलबर्ट बौर्ला ने कहा कि हालांकि यह देखा जाना बाकी है कि वैक्सीन की खुराक लेने वाले शख्स से किसी दूसरे में वायरस का संक्रमण हो रहा है या नहीं.

वेबसाइट आरटी क्योश्चन मोर के अनुसार अलबर्ट बौर्ला ने कहा कि भले ही किसी शख्स ने वैक्सीन लिया हो, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि क्या इससे दूसरे लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी है या खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी इस लिहाज से इसका परीक्षण किया जाना बाकी है. इस पहलू को लेकर अभी वो सुनिश्चित नहीं है.

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बता दें कि ब्रिटेन में अगले कुछ दिन में आम लोगों को वैक्सीन मिलने लगेगी. फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को ब्रिटेन की सरकार ने मंजूरी दे दी है. ब्रिटिश रेगुलरेटर्स ने अमेरिकन कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन को इजाजत दे दी है. इस वैक्सीन को ट्रायल में 95 फीसदी तक सफलता मिली थी, जिसके बाद ब्रिटेन ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल की हामी भर दी है.

 

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