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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोरोना वैक्सीन लगवा ली है. आज ही देश में वैक्सीनेशन 2.0 का आगाज हुआ है, जिसके तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. देश में जबसे वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ था, तभी से विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था कि पीएम मोदी खुद वैक्सीन क्यों नहीं लगवा रहे हैं. अब पीएम मोदी ने वैक्सीन लगवाकर ऐसे उठते सवालों को दबा दिया है और ऐसे सवाल करने वालों को खामोश कर दिया है.
विपक्ष को दिया करारा जवाब...
देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन का काम प्रारंभ हुआ, तब कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन दी जाने लगी. इस दौरान कई बार मांग उठी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी वैक्सीन लेनी चाहिए, ताकि लोगों में भरोसा जगे. साथ ही कुछ राजनीतिक दलों, राज्य सरकारों ने जन-प्रतिनिधियों को वैक्सीन मिलने की बात कही थी.
हालांकि, वैक्सीनेशन के मसले पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई तब इस बात का जिक्र किया कि पहले जिनका नंबर है, उन्हें ही टीका लगने दें. कोई भी जनप्रतिनिधि वैक्सीन के मामले में जल्दबाजी ना करें.
पीएम क्यों नहीं लगवाते वैक्सीन?
कांग्रेस के अजीत शर्मा हो या फिर राजद के तेजप्रताप यादव, वक्त-वक्त पर वैक्सीन को लेकर सवाल उठते आए हैं. तेज प्रताप यादव ने कहा था कि पहले मोदीजी को वैक्सीन लगवानी चाहिए, उसी के बाद ही हम लगवाएंगे. वहीं, कांग्रेस के अजीत शर्मा ने भी बयान दिया था कि पीएम मोदी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता पहले वैक्सीन क्यों नहीं लगवाते हैं.
हालांकि, पहले उठ रहे सभी सवालों पर सरकार की ओर से यही कहा जाता रहा कि नियमानुसार नंबर आने पर प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्री वैक्सीन लगवाएंगे.
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जिस वैक्सीन पर विवाद, उसी की डोज पीएम ने ली
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन पर शुरुआत से ही सवाल खड़े हो रहे थे. रिसर्च पेपर के बिना वैक्सीन को मंजूरी देने को लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था. इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक में भी इसको लेकर जुबानी जंग शुरू हुई थी.
बता दें कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन पूरी तरह से देसी है, ऐसे में अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका टीका लगवाया है तो देश के लोगों में इसके प्रति सकारात्मक संदेश ही जाएगा.