दुनियाभर में तबाही मचा देने वाली कोरोना वायरस महामारी ने अबतक हजारों जानें लील ली हैं. भारत में भी कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. इस खतरे से बचने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लंबी है, जिसे जीतना है. अब पीएम के इस बयान के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, जिसे ‘लंबी’ लड़ाई से जोड़ा जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने क्या दिया बयान?
भारतीय जनता पार्टी के चालीसवें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब करोड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए तो कोरोना वायरस के मसले पर बात की. इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से गरीबों की मदद करने का भी निवेदन किया. पीएम ने इस बीच कहा, ‘...कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई लंबी है, इसलिए थकना नहीं है, हारना नहीं है और सिर्फ जीतना ही है’.
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लंबी लड़ाई के लिए तैयार है देश?
प्रधानमंत्री का ये बयान अपने पीछे कई तरह के सवाल छोड़ गया, जिसके बाद कयासों को दौर शुरू हो गया. सवाल ये भी उठा कि क्या इसका संबंध लॉकडाउन की किसी अवधि से लेकर है? कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पीएम की ओर से 14 अप्रैल तक के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है, जो 15 अप्रैल को खत्म हो जाएगा.
लेकिन अभी से कयासों का दौर चल रहा है कि क्या इसकी तिथि को बढ़ाया जाएगा, क्योंकि देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, सरकार ने इसकी कोई पुष्टि नहीं की है बल्कि लगातार ऐसे बयान आते रहे हैं जिसमें कहा गया है कि लॉकडाउन बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं हुआ है.
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21 दिनों के लॉकडाउन को बढ़ाया जाएगा या नहीं, इसे हटाया जाएगा तो किस तरह हटाया जाएगा, इसपर कई तरह का मंथन चल रहा है. जिसका संकेत बीते दिनों कई मुख्यमंत्रियों के बयानों से भी पता लगा है, जहां यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन हटने के बाद भी लोगों से सावधानी बरतने की बात कही है.
पहले भी मांगे थे कुछ हफ्ते!
बता दें कि कोरोना वायरस के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब सबसे पहले देश को संबोधित किया था, तब उन्होंने देशवासियों से कुछ हफ्ते मांगे थे. पहले संबोधन में प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था, लेकिन ये भी कहा था कि वो देशवासियों से उनके कुछ हफ्ते चाहते हैं.
एक दिन के जनता कर्फ्यू में लोगों को घरों में रहने को कहा गया, लेकिन उसके दो दिन बाद जब दोबारा पीएम ने संबोधन दिया तो 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान कर दिया. दुनिया में ऐसा पहली बार ही हुआ जब 130 करोड़ लोगों की आबादी को 21 दिनों के लिए घरों में रहने के लिए कह दिया गया हो. 24 मार्च से शुरू हुआ ये लॉकडाउन 15 अप्रैल को हट जाएगा.
इसके अलावा बीते दिनों सुबह जब पीएम ने वीडियो संदेश दिया, तब भी उन्होंने देशवासियों से नौ मिनट मांगे थे, जिसमें उन्होंने घर की लाइट बंद करके लोगों से दीया जलाने को कहा था, करोड़ों देशवासियों ने रविवार की रात को ऐसा ही किया.
21 दिनों के लॉकडाउन में आईं क्या परेशानियां?
पिछली बार जब प्रधानमंत्री ने 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था, तब किसी को इसका अंदेशा नहीं था. और लोगों को संभलने के लिए सिर्फ चार घंटे का वक्त मिला था, जिसके बाद दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों से लाखों मजदूरों के सड़क पर आने, घर वापस जाने की तस्वीरें सामने आई थीं. इसके अलावा जरूरी सामान की सप्लाई को लेकर भी दिक्कतें सामने आई हैं, हालांकि बाद में सरकार ने इसको लेकर कदम भी उठाए.