पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. भारत में भी इस महामारी की चपेट में अब तक कई लोग आ चुके हैं. कई लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनका इलाज चल रहा है जबकि 4 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कोरोना वायरस के खिलाफ लोगों को जागरुक करने के लिए पीएम मोदी ने गुरुवार की रात 8 बजे देश की जनता को संबोधित किया.
अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम ने कहा कि पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है. आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है. लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है.
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पीएम ने कहा, "इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है."
पीएम मोदी ने जनता को सतर्क करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है. इसलिए, प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है.
मोदी ने आगे कहा, "आपसे मैंने जब भी, जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है. ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं. मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे, कुछ मांगने आया हूं. मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आपका आने वाला कुछ समय चाहिए."
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पीएम मोदी ने कहा, "इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है. पहला- संकल्प और दूसरा- संयम. आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे."
देश की जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे." पीएम ने आगे कहा कि इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- 'हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ'. ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है.