पंजाब सरकार द्वारा जिला तरनतारन के 17 हजार ड्रग एडिक्ट का कोरोना टेस्ट करवाया जा रहा है. लेकिन इस दौरान एक बड़ी लापरवारी देखने को मिली है. टेस्ट के पुख्ता इंतजाम न होने की वजह से इन लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है. कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग कितनी जरूरी है, इसका इन्हें अंदाजा बिल्कुल नहीं हैं. इनमें कई लोग ऐसे हैं जो नशे की वजह से अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं.
तरनतारन के सरकारी अस्पताल के बाहर लंबी लाइनों को देखकर हर कोई हैरान है. इस जिले में 17 हजार से भी ज्यादा लोग नशा करने के आदी हैं. जिन्होंने नशा छोड़ने के लिए तरनतारन के सरकारी अस्पताल में अपना नाम दर्ज कराया है. ये लोग यहां पर नशा छोड़ने के लिए सप्ताह में एक बार दवाई लेने आते हैं. लेकिन पंजाब सरकार का आदेश आया है कि इन सभी लोगों का करोना वायरस का टेस्ट किया जाए और इसके अलावा इनके यूरिन का टेस्ट करके यह पता लगाया जाए कि यह लोग कोई और नशा करने के आदी तो नहीं हैं.
ड्रग एडिक्ट का कोरोना टेस्ट
सोशल डिस्टेंसिंग नियम की पूरी तरह से अनदेखी कोविड टेस्ट के दौरान नजर आई है. जो एक बड़ी लापरवाही है, प्रशासन की तरफ से कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं. जिसकी वजह से कोरोना के फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है. लोग लंबी लंबी लाइनों में लगे हैं लेकिन जरूरी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. इस चूक की राज्य सरकार को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. इनमें से कई लोग नशा करके अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं.
बढ़ गया है कोरोना का खतरा
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि तरनतारन ने नशा करने वाले लोगों की संख्या बहुत है. लोगों का कहना है कि पहले अस्पताल में पांच दिन दवाई मिलती थी. अब दो दिन मिलन की वजह से भीड़ ज्यादा लग रही है. जिसकी वजह से खतरा बढ़ गया है.