लॉकडाउन की वजह से घर पर बेकार बैठे मजदूर मनरेगा के तहत अपने गांव में ही रोजगार पा रहे हैं और अपना गुजर बसर कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में दर्जनों मजदूर मनरेगा के तहत काम कर रोजाना का खर्च निकाल रहे हैं.
रायबरेली में तालाब की खुदाई
रायबरेली के डिडौली ग्राम सभा के गोकुलपुर में मजदूर तालाब की खुदाई कर रहे हैं. इससे मजदूरों को रोजगार तो मिल ही रहा है, बरसात के दौरान जल संचय का विकल्प भी बन गया है.
मजदूरों का कहना है कि एक तरफ तो उनके लिए रोजी-रोजगार की चिंता थी वहीं दूसरी ओर घर में खाने को कुछ भी नहीं था, ऐसे मौके पर मनरेगा हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है. तालाब में काम कर रही पूनम नाम की महिला ने कहा कि फैक्ट्रियां बंद हैं, बाहर कोई काम-धंधा है नहीं, इस काम से कम से कम हमारे घर में नमक-रोटी तो आ रहा है.
मनरेगा से चल पड़ी जिंदगी की गाड़ी
एक मजदूर ने कहा कि हमारे गांव के काफी लोग हैं जो मनरेगा में काम कर रहे हैं, काम करते हुए अच्छा लग रहा है हम लोग के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई थी. गांव के प्रधान ने मनरेगा में काम करने को कहा तो चले आए.
रायबरेली में तालाब की खुदाई करते मनरेगा मजदूर (फोटो-आजतक)
दर्जनों मजदूर कर रहे हैं काम
ग्राम प्रधान ने बताया कि मनरेगा के तहत दो तालाबों की खुदाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि यहां पर अभी 59 मजदूर काम कर रहे हैं जिसमें महिला भी हैं और पुरुष भी. कई बालिग नौजवान भी यहां काम कर रहे हैं.
केंद्र ने बढ़ाया बजट
मनरेगा योजना में रोजगार बढ़ाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने रविवार को 40 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मनरेगा का बजट 40 हजार करोड़ बढ़ाया गया है.