कोरोना संकट काल में फ्रंटलाइन पर लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों के लिए आज खास दिन है. आज डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है, ऐसे में हर कोई स्वास्थ्यकर्मियों को सलाम कर रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को देश और विदेश में काम करने वाले भारतीय डॉक्टरों से बात की और कोविड पर उनके अनुभव को जाना.
राहुल गांधी: आप हमें गर्व महसूस करवाते हैं, आप लोग देश के प्रतिनिधि हो. हम आपके अनुभव को जानना चाहते हैं कि इस दौरान आप कैसे काम कर रहे हैं. ये वक्त आप सभी के लिए मुश्किल होगा.
राहुल ने कहा कि दिल्ली में अब टेस्टिंग ही नहीं करने दे रहे हैं. जो डॉक्टर बाहर काम कर रहे हैं, वो भारत के डॉक्टरों को क्या सलाह देंगे.
राहुल ने सवाल किया कि आखिर दुनिया में भारतीय डॉक्टरों की इतनी इज्जत कैसे है, लोग कहते हैं कि हम इनके बिना अस्पताल नहीं चला सकते हैं. राहुल ने सवाल किया कि हमें क्या करना चाहिए आपकी मदद के लिए..डॉक्टर ने कहा कि आप हमसे बात करते रहिए, वो अच्छा है.
शैर्ली, इंग्लैंड – हमारे पास हर रोज मरीज आ रहे थे, शुरुआत में काफी डर था क्योंकि किसी को कुछ पता नहीं था. जब मैं एक मरीज को देख रही थी तो उसे कोई लक्षण नहीं था, उसके सिर्फ पेट में दर्द था. जब जांच की तो उसकी चेस्ट में कोविड था और वो लगातार गंभीर होता गया.
मार्च की शुरुआत में ही डर फैल गया था, जब ब्रिटेन में लॉकडाउन नहीं हुआ था. तब से ही हम PPE किट समेत काफी सावधानी बरत रहे हैं. मैं काम कर रही हूं, इस वजह से अब मेरे पति घर को संभाल रहे हैं, वो बच्चों को भी देख रहे हैं. क्योंकि मैं घर से शिफ्ट हो गई हूं, ब्रिटेन में लोग डॉक्टरों का काफी सम्मान कर रहे हैं.
सरकार की ओर से व्यवस्था की जा रही है कि अगर कोई डॉक्टर घर ना जाना चाहे तो वो यहां पर ही रुक रहा है. आज दुनिया में भारतीय नर्स हर जगह हैं और आगे आकर लड़ाई लड़ रहे हैं.
विपिन, केरल – मुझे भी कोरोना वायरस हो गया. मैं अभी क्वारनटीन हूं. भारत में 1.2 मिलियन एलोपेथिक डॉक्टर हैं, जबकि 3 मिलियन से अधिक नर्स हैं. लेकिन भारत में प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में जमीन आसमान का अंतर है. प्राइवेट अस्पतालों में यही दिक्कत है कि उनकी सैलरी कट रही है, सरकार को मदद करनी चाहिए.
दिल्ली में पहले सिर्फ 7 हजार टेस्ट कर रहे थे, लेकिन जब टेस्टिंग बढ़ी तो पॉजिटिव रेट बढ़ रहा है. लेकिन फिर दिल्ली में टेस्टिंग कम कर दी गई. अगर दिल्ली में पांच लाख केस की बात हो रही है, तो हम सिर्फ दस हजार बेड से कैसे काम चल पाएगा.
दिल्ली में दो नर्स की डेथ हो गई है, दिल्ली सरकार ने जो बोला है वो अभी तक एक करोड़ रुपये नहीं दिया गया. ऐसे में अगर परिवार को मदद नहीं मिलती है, तो काफी दिक्कत होगी. इस पर राहुल ने कहा कि वो सरकार को इसपर चिट्ठी लिखेंगे.
डॉक्टरों से पॉलिसी बनाने के वक्त बात होनी चाहिए, लेकिन आज कल वो नहीं हो पा रहा है. इस बीच काफी दिक्कत इस बात की भी आ रही है कि जिनको कोरोना से अलग बीमारी है, उन्हें इलाज नहीं मिल रहा है.
नरेंद्र सिंह, ऑस्ट्रेलिया – जब कोरोना शुरू हुआ, तब हमें लगा कि ये एक सामान्य फ्लू होगा. लेकिन जब इसने लोगों की जान लेना शुरू की, तो हर कोई हैरान हो गया. इसी के बाद अलग-अलग मोर्चों पर हमने इसके लिए तैयारी शुरू की.
अगर प्राइवेट अस्पताल में भी टेस्टिंग नहीं होगी, तो आगे जाकर काफी मुश्किल होगी. क्योंकि टेस्टिंग के दम पर ही आप कोरोना वायरस को ट्रैक कर सकते हैं और रोक सकते हैं.
किसी भी डॉक्टर को मरीज को देखते वक्त पीपीई किट जरूर पहननी चाहिए और अपनी शिफ्ट में कई बार हाथ धोने चाहिए. अगर कोई डॉक्टर कभी इन्फेक्ट होता है, तो उसमें लापरवाही भी होती है.
अनु, न्यूजीलैंड – हमारे यहां पर ऑकलैंड जैसे शहर काफी भीड़ वाले हैं, ऐसे में यहां पर काफी लोगों की जान जा सकती थी. लेकिन यहां की सरकार ने काफी अच्छा काम किया और शुरुआत में ही सख्त रुख अपनाया.
On #DoctorsDay, I am immensely grateful to the dedicated professionals who inspire hope in #Covid19 times.
Today at 10 am, watch 4 dedicated nurses in conversation with me about the Covid crisis and how we should react to it. pic.twitter.com/PujxVQbdvE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 1, 2020
राहुल गांधी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि डॉक्टर्स डे के मौके पर मैं स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बात करके काफी खुश हूं. आज सुबह दस बजे, चार स्वास्थ्यकर्मियों से मैं कोरोना संकट को लेकर बात करूंगा.
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गौरतलब है कि कोरोना संकट काल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई एक्सपर्ट से बात की है. फिर चाहे वो अर्थव्यवस्था के दिग्गज हो या फिर बिजनेसमैन, इसके अलावा दुनिया के कई बड़े मेडिकल एक्सपर्ट्स से भी राहुल गांधी चर्चा कर चुके हैं. इसी कड़ी में अब ये बातचीत डॉक्टर्स के साथ होगी.
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