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कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे तमाम सवालों के बीच राजस्थान में पहला टीका लेने वाले 5 डॉक्टरों ने आजतक से अपना अनुभव साझा किया. उनका कहना है कि वो पूरी तरह स्वस्थ हैं और किसी भी तरह की अब तक कोई परेशानी नहीं हुई है.
राजस्थान में कोरोना का पहला टीका सवाई मानसिंह अस्पताल के प्रिंसिपल डॉक्टर सुधीर भंडारी को लगाया गया था. डॉक्टर भंडारी ने टीका लेने के बाद मरीजों को देखना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद उनकी दिनचर्या बिलकुल नियमित है. वो पहले से ज्यादा अच्छा महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कोरोना से बचाव के लिए उन्होंने टीका ले लिया है.
वहीं, जयपुर अस्पताल (लाल कोठी) के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर जीएल शर्मा भी पहले 5 डॉक्टरों में शामिल हैं, जिन्होंने वैक्सीन ली थी. डॉक्टर जीएल शर्मा का कहना है कि वह वैक्सीन को लेकर उठे विवादों से दूर अपने काम में लगे हुए हैं.
सवाई मानसिंह अस्पताल में दूसरा टीका डॉक्टर प्रेम चंद भाटिया को लगाया गया था. भाटिया का कहना है कि वैक्सीन लगाए जाने के पहले और बाद में उन्हें कोई फर्क महसूस नहीं हो रहा है. भाटिया कहते हैं कि उन्हें टीका लेने में कोई झिझक नहीं हुई और घरवालों ने भी उन्हें नहीं रोका.
जयपुर में जब सबसे पहले इटली के टूरिस्ट दंपति को कोराना हुआ था तब डॉक्टर प्रकाश केशवानी ने उनका इलाज किया था. डॉक्टर केसवानी ने कहा कि वैक्सीन का विरोध करने वाले लोग बकवास कर रहे हैं यह मानवता के लिए बना वरदान है. वैक्सीन पूरी तरह से सेफ है.
सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टर सुधीर मेहता पिछले 10 महीने से कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं. डॉक्टर मेहता कहते हैं कि वैक्सीन लगाने के दो दिन बाद भी उन्हें किसी भी तरह की कोई असुविधा नहीं हुई है और वह अपना काम रूटीन में कर रहे हैं.