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वैक्सीनेशन: सीरम इंस्टीट्यूट की मांग- विदेशी कंपनियों की तरह उन्हें भी संरक्षण दे सरकार

देश में जारी वैक्सीनेशन के बीच वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने संरक्षण दिए जाने की मांग की है. फाइजर और मॉडर्ना जैसी कंपनियों ने भारत सरकार के सामने ऐसी शर्त रखी थी, अब देशी कंपनियों ने भी इस मसले को उठाया है.

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सीरम इंस्टीट्यूट ने मांगा संरक्षण (फाइल फोटो)
सीरम इंस्टीट्यूट ने मांगा संरक्षण (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीरम समेत अन्य वैक्सीन कंपनियों की मांग
  • स्वदेशी कंपनियों को भी मिले संरक्षण: सूत्र

भारत में जारी वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा विदेशी वैक्सीन निर्माताओं को कुछ संरक्षण दिया जा रहा है. अब देश में पहले से इस्तेमाल की जाने वाली वैक्सीन के निर्माताओं ने भी ऐसी ही मांग की है और सभी के लिए एक समान नियम की बात की है. 

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया समेत अन्य वैक्सीन कंपनियों ने अब अपील की है कि उन्हें भी सरकार द्वारा संरक्षण दिया जाना चाहिए, अगर विदेशी कंपनियों को ये सुविधा मिल रही है. 

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दरअसल, अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर और मॉडर्ना की भारत में एंट्री को लेकर लंबे वक्त से बातचीत अटकी हुई थी, दोनों ही कंपनियां सरकार से संरक्षण मिलने की अपील कर रही थीं. ताकि वैक्सीन के बाद अगर किसी तरह की दिक्कत होती है, तो कोई भी कंपनी पर कानूनी कार्यवाही ना कर सके. 

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अदार पूनावाला की ओर से पहले भी इस तरह की मांग की गई थी. जब नवंबर, 2020 में वैक्सीन के ट्रायल के दौरान जब एक व्यक्ति को कुछ दिक्कत हुई तो उसने कंपनी पर 5 करोड़ का लीगल नोटिस ठोक दिया था. सीरम इंस्टीट्यूट के अलावा भारत बायोटेक भी सरकार से ऐसी मांग करता आया है. 

क्या होता है इस तरह का संरक्षण?
अगर किसी व्यक्ति को कोई वैक्सीन की जाती है और उसके बाद उसे कुछ परेशानी होती है, तब वैक्सीन निर्माता कंपनी किसी तरह के मुआवजे या कानूनी एक्शन से बचने के लिए इस तरह की संरक्षण प्राप्त करती हैं. अगर सरकार इस बात की हामी भरती है, तो किसी भी तरह के मुआवजे या कानूनी केस का सामना सरकार को ही करना होगा. 

फाइजर और मॉडर्ना जैसी वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने इस तरह का संरक्षण अमेरिका, कनाडा जैसे देशों में प्राप्त किया है. भारत में भी दोनों कंपनियां इस संरक्षण को लेकर बातचीत कर रही हैं. केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में विदेशी वैक्सीन कंपनियों के लिए एक छूट दी गई है, अब जिन वैक्सीन का इस्तेमाल दूसरे देशों में जारी है उनके हर बैच की ब्रिजिंग टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी. 

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