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कोरोना: सरकार को 200 और प्राइवेट में 1000 रुपये में मिलेगी सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन

अदार पूनावाला ने बताया कि पहले 100 मिलियन डोज का दाम 200 रुपये होगा. उन्होंने कहा कि हम गरीब, आम आदमी और स्वास्थ्यकर्मियों की मदद के लिए ऐसा कर रहे हैं. इसके बाद प्राइवेट मार्केट में इसका दाम 1000 रुपये होगा.

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अदार पूनावाला ने बताया कि 200 रुपये के रेट से मिलेगी पहली 100 मिलियन कोरोना वैक्सीन. (सांकेतिक फोटो)
अदार पूनावाला ने बताया कि 200 रुपये के रेट से मिलेगी पहली 100 मिलियन कोरोना वैक्सीन. (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्राइवेट मार्केट में वैक्सीन का दाम एक हजार रुपये होगा
  • सरकार की गुजारिश पर कम किए पहले 100 मिलियन वैक्सीन के दाम

कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया 200 मिलियन कोरोना वैक्सीन सप्लाई करेगा. सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ सप्ताह में यह सप्लाई की जाएगी. कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि पहले 100 मिलियन डोज का दाम 200 रुपये होगा. उन्होंने कहा कि हम गरीब, आम आदमी और स्वास्थ्यकर्मियों की मदद के लिए ऐसा कर रहे हैं. इसके बाद प्राइवेट मार्केट में इसका दाम 1000 रुपये होगा.

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सीरम इंस्टीट्यूट ने पहले से ही 100 मिलियन की दो डील कर रखी हैं. जिसके तहत SII-Oxford-AstraZeneca की COVISHEILD और Gavi-Covax की नोवावैक्स वैक्सीन प्रति डोज $ 3 के हिसाब से सप्लाई करेगा. बताया यह भी जा रहा है कि COVAX समझौते के तहत सीरम इंस्टिट्यूट 200 मिलियन वैक्सीन सप्लाई करने की तैयारी में है, जिसमें  COVISHEILD 67 देशों में और NOVAVAX 92 देशों में सप्लाई की जाएगी.

इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन के प्री क्वॉलिफिकेशन के दस्तावेज और डेटा WHO को देने की प्रक्रिया में है, जिससे WHO की तरफ से भी एसआईआई की वैक्सीन को मंजूरी मिल सके. सोमवार को WHO के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि एसआईआई के पूरे आंकड़े की पड़ताल करने की तरफ देख रहे हैं जिससे कोरोना की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के वैश्विक इस्तेमाल को मंजूरी दे सकें.

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गौरतलब है कि SII को 300 मिलियन यूएस डॉलर की मदद बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी वैक्सीन एलायंस की तरफ से दो वैक्सीन तैयार करने के लिए दी गई है. वैक्सीन के असफल होने के मामले में भी यह मदद वापस नहीं ली जाएगी. बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी वैक्सीन एलायंस, कोवैक्स एलायंस WHO की तरफ से शुरू किया गया है, जिसका मकसद 192 देशों को कम दाम पर वैक्सीन मुहैया कराना है. अदार पूनावाला ने इंडिया टुडे को बताया कि एसआईआई द्वारा बनाई गई वैक्सीन का आधा हिस्सा भारत के लिए रिजर्व रखा गया है.

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भारत को पहले फेज में 600 मिलियन डोज की जरूरत

वैक्सीनेशन के अभियान के पहले चरण में भारत को 600 मिलियन डोज की जरूरत है. एसआईआई ने पहले ही 50 मिलियन से ज्यादा एस्ट्राजेनेका वैक्सीन तैयार कर ली है. भारत सरकार एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (सरकारी पीएसयू) के जरिए 11 मिलियन  वैक्सीन की खरीद की डील कर चुकी है. पहले चरण में कोरोना वैक्सीन 200 रुपये और टैक्स के साथ जो भी मूल्य होगा उस दाम पर मुहैया कराई जाएगी.

 

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