हिमाचल के कांगड़ा जिले से मानवता को शर्मशार करने वाली एक खबर सामने आई है. यहां रानीताल इलाके में मां के शव को कंधे पर ले जाते हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जानकारी के मुताबिक युवक की कोरोना पीड़ित मां को अस्पताल में बेड नहीं मिल सका ऐसे में इलाज के अभाव में उनकी मौत हो गयी. इसके बाद बेटे को शव को श्मशान तक ले जाने के लिए भी मदद नहीं मिली. थक-हारकर बेटे को ही कोरोना संक्रमित मां के शव को कंधे पर लटकाकर श्मशान घाट ले जाना पड़ा.
युवक की पहचान रानीताल क्षेत्र के भंगवार गांव के निवासी वीर सिंह के रूप में हुई है. वीर सिंह ने बताया है कि बुधवार को मां को तेज बुखार था और सांस लेने में कठिनाई थी. वो स्थानीय अस्पताल में गया जहां से उसे टांडा स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दी गई. जांच में पता चला कि मां कोरोना पॉजिटिव हैं. लेकिन अस्पताल ने मां को अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया क्योंकि वहां पर बेड और ऑक्सीजन नहीं थी.
वाराणसी: इलाज ना होने से बेटे की मौत, शव को ई-रिक्शा में ले जाने पर मजबूर हुई मां
मजबूरी से वीर सिंह बीमार मां को लेकर घर आ गए और डॉक्टरों की लिखी दवाई देते रहे, लेकिन गुरुवार सुबह मां की मौत हो गई. मां की मौत के बाद वो स्थानीय पंचायत के प्रधान, उप प्रधान, आशा वर्कर और रिश्तेदारों से मदद मांगता रहा लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया. आखिरकार जब किसी से मदद नहीं मिली तो उसने पत्नी को मां का शव पीपीई किट में पैक करने को कहा और फिर खुद ही शव कंधे पर लटका कर एक किलोमीटर दूर श्मशान घाट चला गया. अकेले ही मां का दाह संस्कार किया और जब शाम को लौट कर घर आया तो प्रशासन की तरफ से एक सैनिटाइजर की बोतल भेज कर पल्ला झाड़ लिया गया.
हालांकि, अब सरकार ने जिला प्रशासन को कोरोना से मरने वाले लोगों के दाह संस्कार करने की समुचित व्यवस्था करने की हिदायत दी है, लेकिन तब जब सोशल मीडिया पर सरकार की जमकर किरकिरी हुई. इससे पहले सोलन के बद्दी में भी संक्रमण से मरे एक व्यक्ति का शव कूड़ा कचरा उठाने वाले ट्रैक्टर से श्मशान घाट पहुंचाया गया था.