लॉकडाउन की वजह से तेलंगाना में फंसे मध्य प्रदेश के श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन भोपाल पहुंची. बुधवार को देर शाम 1030 श्रमिक स्पेशल ट्रेन से भोपाल पहुंचे. मध्य प्रदेश के 34 जिलों के श्रमिक ट्रेन से आए. श्रमिकों को घर भेजने के लिए 51 बसें ड्यूटी पर लगाई गईं.
स्टेशन पर स्क्रीनिंग के बाद श्रमिकों को बसों में बैठाकर घरों की ओर रवाना किया गया. मजदूरों से टिकट के पैसे लेने की खबरों से सरकार ने सबक लिया और इस ट्रेन में किसी भी श्रमिक से टिकट का पैसा नहीं लिया गया. श्रमिकों को ट्रेन में खाना और पानी की बोतल दी गयी थी, जिसकी क्वालिटी पर कुछ श्रमिकों ने नाराजगी जताई. आखिरकार अपने गांव/अपने घर जाने वाले श्रमिक दिखे खुश और सरकार की तारीफ की.
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कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी तरुण पिथोड़े के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने स्टेशन और इन सभी श्रमिकों की मेडिकल स्क्रीनिंग कराई. इसके बाद यात्रा के दौरान खाने के पैकेट और पानी की बोतल के साथ श्रमिकों को उनके गांव और घरों के लिए रवाना किया गया.
अलग-अलग जिलों के कुल 1030 श्रमिक
बुधवार शाम आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों के कुल 1030 श्रमिक हबीबगंज स्टेशन आए. इसमें से बालाघाट के 307, बैतूल के 50, भोपाल के 100, हरदा के 2, रायसेन के 7, सीहोर के 4, विदिशा के 9, भिंड के 46, अशोकनगर के 2, दतिया के 42, ग्वालियर के 12, मुरैना के 46, श्योपुर के 2, शिवपुरी के 7, बड़वानी के 44, बुरहानपुर के 5, धार का 1, इंदौर के 3, झाबुआ के 7, खंडवा 7, खरगोन के 5, छिंदवाड़ा के 54, नरसिंहपुर के 12, छतरपुर के 25, दमोह के 36, पन्ना के 40, सागर के 7, टीकमगढ़ के 23, देवास के 4, रतलाम के 15, उज्जैन के 4, सिवनी के 95, निमाड़ के 01 और अन्य जिले के 6 श्रमिक शामिल थे, जिन्हें बसों में बैठाकर उनके जिलों में भेजा गया.
इससे पहले रविवार को भी एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन 2 मई को नासिक से भोपाल आई थी, जिसमें 347 मजदूरों को उनके जिलों की ओर रवाना किया गया था.
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