कोरोना वायरस संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश में एम्बुलेंस के संचालनों को लेकर टिप्पणी की. सर्वोच्च अदालत ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि कोरोना संकट के कारण एम्बुलेंस के चार्ज में किसी तरह की बढ़ोतरी ना की जाए.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि कोरोना संकट के वक्त एम्बुलेंस की संख्या बढ़नी चाहिए ताकि लोगों को मदद मिल सके. अदालत में सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से कहा गया कि केंद्र ने सभी राज्यों को एम्बुलेंस को लेकर SOP जारी कर दी है. SG की ओर से कहा गया कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कोई निर्देश देना चाहता है, तो दे सकता है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने फैसला सुनाया कि इस मामले में केंद्र और गुजरात की ओर से हलफनामा दिया गया है. केंद्र ने कहा है कि उन्होंने इसको लेकर पूरा प्लान सामने रखा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हलफनामे के अनुसार, SOP मार्च में जारी की गई हैं जिसका पालन राज्य सरकारों को करना है. हालांकि, इनमें चार्ज को लेकर कोई टिप्पणी नहीं है. ऐसे में हम राज्य सरकारों को कहते हैं कि वो अपने यहां एम्बुलेंस को लेकर चार्ज फिक्स करें.
इससे इतर केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को ही राज्यों को एक चिट्ठी लिखी गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा लिखी इस चिट्ठी में राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई को ठीक करने और ज्यादा स्टॉक रखने की सलाह दी है. कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र ने ये चिट्ठी लिखी है.