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रेमडेसिविर कोई 'जादू' नहीं, सिर्फ 30% मरीजों को है जरूरत, तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव का बयान

कोरोना संक्रमण में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर आफत मची हुई है, तो वहीं तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ये कई 'जादू की दवा' नहीं है. सिर्फ 30 प्रतिशत लोगों को ही इसकी आवश्यकता पड़ती है. 

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रेमडेसिविर की नहीं है राज्य में कोई कमी 
  • चेन्नई के कोविड हॉस्पिटल में आए स्वास्थ्य सचिव 

तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन गुरुवार को चेन्नई के सरकारी अस्पताल में पहुंचे. यहां उन्होंने COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन सहायता के साथ अतिरिक्त बेड स्थापित करने की सुविधा का निरीक्षण किया. इसके बाद पत्रकारों से  बात करते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने लगभग 3,000 लोगों को रेमडेसिविर की खुदरा बिक्री की अनुमति देने का ऐतिहासिक फैसला किया है, लेकिन फिर भी इसकी मांग कम है. 

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तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ये कई 'जादू की दवा' नहीं है. सिर्फ 30 प्रतिशत लोगों को ही इसकी आवश्यकता पड़ती है.

राधाकृष्णन ने कहा कि तमिलनाडु के लिए रेमेडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन एक सप्ताह में 59,000 शीशियों के बराबर है. 3,000 लोग इसे प्रतिदिन खरीदते हैं, तो हम केवल छह दिनों में 18 हजार इंजेक्शन बिक्री कर पाएंगे. तो इंजेक्शन की कमी नहीं है और न हीं किसी प्रकार की  कमी से घबराने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार उन निजी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है, जो तमिलनाडु में वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा बताए गए प्रोटोकॉल के खिलाफ जा रहे हैं. 

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि किसी प्रकार की अफवाह न फैलायें. वहीं कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि मास्क के साथ ही सोशल ​डिस्टेंसिंग का पालन बेहद जरूरी है. आने वाले 10 दिन बेहद गंभीर हैं, इसलिए लोगों को अनावश्यक जाने से बचना चाहिए, साथ ही उन्होंने लोगों से घरों में रहने की अपील भी की.

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उन्होंने कहा कि हम इस वायरस के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं. यदि हम कोविड गाइडलाइन का पालन करते हैं, तो अन्य राज्यों की तरह दिखने वाले परिणाम यहां पर नहीं दिखाई देंगे. बता दें कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम नहीं है. यहां पर पिछले 24 घंटे में 16,665 नए केस सामने आए, वहीं 98 लोगों की जान चली गई. वहीं चेन्नई में 4,764 नए केस सामने आए हैं.

 

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