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Omicron पर केंद्र की राज्यों को चिट्ठी- जरूरत पड़े तो लगाएं नाइट कर्फ्यू, वॉर रूम एक्टिव करें

भारत में 14 राज्यों मे ओमिक्रॉन फैल चुका है. अब तक 220 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. सबसे ज्यादा केस मुंबई में सामने आए हैं. यहां अब तक 65 लोग कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित मिले हैं. दिल्ली में 34 मरीजों का इलाज एलएनजेपी में चल रहा है. चौंकाने वाली बात ये है कि इन मरीजों में से 3 की ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत में ओमिक्रॉन के 220 केस आ चुके हैं
  • महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 65 संक्रमित मरीज

भारत में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. केरल से जम्मू कश्मीर तक देश के 14 राज्यों में ओमिक्रॉन पहुंच गया है. मंगलवार को जम्मू कश्मीर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 3 केस सामने आए हैं. इसी बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को चिट्ठी लिखी है. इसमें कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू जैसे कड़े कदम उठाने की सलाह दी है. इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को वॉर रूम एक्टिव करने के लिए भी कहा है.

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ओमिक्रॉन डेल्टा से 3 गुना ज्यादा संक्रामक
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को वैज्ञानिक रिपोर्ट्स के आधार पर बताया है कि ओमिक्रॉन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है. केंद्र सरकार ने कहा, भारत के कई इलाकों में अभी भी डेल्टा वैरिएंट के केस सामने आ रहे हैं. ऐसे में स्थानीय और जिला स्तर पर राज्य सरकारों को दूरदर्शिता, डेटा एनालिसिस के साथ सख्त और त्वरित फैसला लेने की जरूरत है.

सरकार ने राज्यों को दिए ये निर्देश 

- केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि टेस्टिंग और निगरानी बढ़ाने के अलावा रात में कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं पर रोक लगाने, शादियों और अंतिम संस्कारों में लोगों की संख्या को सीमित करने जैसे कदम उठाए जाएं. 

- केंद्र सचिव ने अपने पत्र में जिला स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाने, कंटेनमेंट जोन की सीमा तय करने, केसों की लगातार समीक्षा करने, अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने जैसे जरूरी कदमों को उठाने की सलाह दी है. केंद्र ने पत्र में कहा है कि  इस तरह की रणनीति से राज्य के बाकी हिस्सों में संक्रमण फैलने से पहले ही स्थानीय स्तर पर काबू में हो जाएगा. 

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- भूषण ने अपने पत्र में राज्यों को लिखा, वॉर रूम, इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स को एक्टिव करें. केस ट्रेंड्स का एनालिसिस करें. भले ही केस कम हों, जिला और स्थानीय स्तर पर सक्रिय कार्रवाई करते रहें. फील्ड अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा करें. इन कदमों से निश्चित तौर पर संक्रमण को कम करने में मदद मिलेगी. 

तेलंगाना में नॉन रिस्क कंट्री से आए यात्री ओमिक्रॉन पॉजिटिव मिले

तेलंगाना में ओमिक्रॉन के चार नए केस मिले हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि इन लोगों में से तीन लोग ऐसे हैं, जो नॉन रिस्क कंट्री से आए हैं. वहीं, चौथा व्यक्ति कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद ओमिक्रॉन पॉजिटिव मिला है. तेलंगाना में अब ओमिक्रॉन के 24 केस हो चुके हैं. 

जम्मू कश्मीर से दिल्ली से पहुंचे तीन लोगों में कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है. इन लोगों का 30 नवंबर को सैंपल लिया गया था.  दिल्ली में भी ओमिक्रॉन के मामले बढ़कर 54 पर पहुंच गए हैं. महाराष्ट्र में आज 11 नए केस मिले हैं. इनमें से 8 केस मुंबई एयरपोर्ट पर टेस्ट के दौरान मिले हैं. जबकि तीन केस उसमानाबाद, नवी मुंबई और पिंपड़ी चिंचवाड में मिले हैं. 

देश में ओमिक्रॉन के 220 केस 
भारत में 14 राज्यों मे ओमिक्रॉन फैल चुका है. अब तक 220 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. सबसे ज्यादा केस मुंबई में सामने आए हैं. यहां अब तक 65 लोग कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित मिले हैं. दिल्ली में 34 मरीजों का इलाज एलएनजेपी में चल रहा है. चौंकाने वाली बात ये है कि इन मरीजों में से 3 की ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है. 

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कर्नाटक में लगाए गए प्रतिबंध
ओमिक्रॉन के बढ़ते हुए केसों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया. कर्नाटक में न्यू ईयर पर सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई है. इसके अलावा रेस्टोरेंट और बार में भी 50% क्षमता के साथ खुल सकेंगे. डीजे पार्टियां भी नहीं हो सकेंगी. सरकार जल्द डिटेल्ड गाइडलाइन जारी करेगी. 

कहां कितने केस?

राज्य  ओमिक्रॉन केस
महाराष्ट्र 65
दिल्ली 54
तेलंगाना 24
कर्नाटक 19
राजस्थान 18
केरल 15
गुजरात 14
जम्मू 3
उत्तर प्रदेश 2
ओडिशा 2
आंध्र प्रदेश 1
चंडीगढ़ 1
तमिलनाडु 1
प बंगाल 1

 
ओमिक्रॉन डेल्टा से 3 गुना ज्यादा संक्रामक
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को वैज्ञानिक रिपोर्ट्स के आधार पर बताया है कि ओमिक्रॉन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है. हालांकि, भारत के कई इलाकों में अभी भी डेल्टा वैरिएंट के केस सामने आ रहे हैं. ऐसे में स्थानीय और जिला स्तर पर राज्य सरकारों को दूरदर्शिता, डेटा एनालिसिस के साथ सख्त और त्वरित फैसला लेने की जरूरत है.

(इनपुट- हैदराबाद से आशीष पांडेय, जम्मू कश्मीर में कमलजीत संधू, अशरफ वानी, सुनील जी भट्ट और नई दिल्ली से पंकज जैन )
 

 

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