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कोरोना के चलते दिल्ली में नवरात्रि से पहले नाइट कर्फ्यू लगने से टेंशन में व्यापारी

राजधानी में नवरात्रि से पहले नाइट कर्फ्यू के फैसले को लेकर व्यापारी टेंशन में हैं. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा कि इस फैसले से पहले एक बार व्यापारियों के साथ बैठक करनी चाहिए थी.

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कोरोना के केस में तेजी देखी जा रही है (सांकेतिक तस्वीर)
कोरोना के केस में तेजी देखी जा रही है (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सभी राज्यों के लिए केंद्रीकृत योजना की मांग
  • कैट ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

दिल्ली में बढ़ती कोरोना की रफ्तार ने जहां सरकार की टेंशन बढ़ा रखी है, तो वहीं नवरात्रि से पहले नाइट कर्फ्यू के फैसले को लेकर व्यापारी टेंशन में हैं. राजधानी में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड तोर्ड रहा है. ऐसे में व्यापारियों की संस्था कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. 

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कैट पदाधिकारियों ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोका जाना बेहद जरूरी है, लेकिन नाईट कर्फ्यू लगाने से कोविड में कोई रोकथाम होगी ऐसा संभवत होगा या नहीं! इसके विपरीत दिल्ली सरकार को दिल्ली के व्यापारिक एवं रेजिडेंट संगठनों के साथ बातचीत कर कोई ऐसी योजना बनाने चाहिए, जिससे दिल्ली की व्यापारिक गतिविधियों पर कोई असर नहीं हो.

वहीं दूसरी ओर कोविड के तेजी से बढ़ते प्रकोप को रोका जा सके. महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाए जाने को भी कैट ने आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित करने वाला बताया है.

कैट ने महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को आज एक पत्र भेजा है और आग्रह किया है कि प्रत्येक राज्य कोविड को लेकर स्वतंत्र रूप से कदम उठाए, उसकी बजाए केंद्र सरकार को पिछले वर्ष की तरह ही कदम उठाते हुए एक केंद्रीकृत योजना सभी राज्य सरकारों से बातचीत कर बना देनी चाहिए, जिससे सारे देश में एकरूपता बनी रहे. यदि हर राज्य ने अपने स्तर पर कदम उठाए तो देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी, जिससे व्यापार एवं अर्थव्यवस्था को बड़ी हांनि होने की सम्भावना है. कैट ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए समय मांगा है.

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दिल्ली के मुद्दे पर कैट ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और सीएम अरविन्द केजरीवाल को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि किसी भी तरह के निर्णय से पहले व्यापारियों के साथ एक बैठक बुलाई जाए, जिसमें कोविड से बचाव की रणनीति पर विचार किया जा सके. दिल्ली के व्यापारी सरकार के साथ हैं और कोरोना के खिलाफ इस जंग में वे सरकार की हर संभव मदद के लिए तैयार हैं. कैट ने कर्फ्यू को एकमात्र विकल्प न मानते हुए ये सवाल भी उठाया कि दिल्ली में नाईट कर्फ्यू के लगने से कोविड पर अंकुश कैसे संभव है. ये समझ के बाहर है. 

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की अप्रैल और मई महीने में बड़े स्तर पर शादी एवं अन्य समारोह होने हैं, जिनके लिए लोगों ने पहले ही काफी पैसा खर्च किया है. नाइट कर्फ्यू के निर्णय से अब इस तरह के समारोह करना संभव नहीं होगा. राम नवमी, बैसाखी, नावरात्रि, गुड़ी पड़वा, हनुमान जयंती जैसे पर्व न केवल लोगों के लिए खास हैं, बल्कि मंदी के जूझ रहे व्यापारियों के लिए भी आर्थिक मजबूती के लिए महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में 10 बजे का लॉकडाउन काफी नुकसान दायक साबित होगा.

 

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