देश में एक तरफ कोरोना फिर से डराने लगा है, वहीं दूसरी तरफ अब सरकार का फोकस वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी लाने पर है. इसलिए गुरुवार यानी 1 अप्रैल से 45 साल या उससे ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी गई है. इस बीच बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य सरकारों के साथ बैठक कर वैक्सीनेशन की तैयारियों पर चर्चा की. उन्होंने राज्यों को भरोसा दिलाया कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. हालांकि, साथ ही साथ वैक्सीन के डोज को कम से कम खराब होने की बात भी कही.
वैक्सीन के डोज को खराब होने से बचाने की सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अभी रोज वैक्सीन के 6% डोज खराब हो रही हैं. इसे कम कर के 1% पर लाना है, ताकि वैक्सीन का सही इस्तेमाल हो सके. इसके लिए उन्होंने राज्यों को कहा कि वो रोज अपने स्तर पर वैक्सीन वेस्टेज का रिव्यू करें, ताकि उसे कम से कम किया जा सके. इसके अलावा वैक्सीन डोज को खराब होने से बचाने के लिए जो स्टॉक मौजूद है, उसका समय पर इस्तेमाल करें. उन्होंने CoWIN और eVIN पोर्टल पर वैक्सीन की खपत का डेटा समय पर अपडेट करने की सलाह भी दी है. स्वास्थ्य सचिव ने ये भी कहा कि खपत के हिसाब से वैक्सीन का डिस्ट्रीब्यूशन किया जाए, ताकि वैक्सीन के ओवरस्टॉक और अंडरस्टॉक से बचा जा सके.
अब तक 6 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दिए गए
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 30 मार्च तक देशभर में 6.24 करोड़ वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं. इनमें से 5.33 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है, जबकि 90.19 लाख लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है.