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China में थमता नहीं दिख रहा कोरोना का कहर, डरी पूरी दुनिया, अमेरिका-यूरोप ने चीन से आने वालों की बढ़ाई टेस्टिंग

अमेरिका में चीन से आने वाले यात्रियों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत होगी. इतना ही नहीं इटली ने भी चीन से आने वाले सभी यात्रियों की कोरोना जांच करने का फैसला किया है. अमेरिका ने कहा है कि चीन से सिर्फ वे ही यात्री हवाई मार्ग से आ सकेंगे, जिनके पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होगी.

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चीन में कोरोना से बिगड़े हालात (फोटो- AP)
चीन में कोरोना से बिगड़े हालात (फोटो- AP)

चीन में कोरोना के बेतहाशा केस बढ़ रहे हैं. इतना ही नहीं मौतें भी इतनी हो रही हैं कि अस्पतालों के मोर्चरी हाउस और श्मशानों में शव रखने की जगह नहीं है. कई शहरों में ऐसा हाल है कि अंतिम संस्कार के लिए एक हफ्ते की वेटिंग चल रही है. इन सबके बावजूद चीन ने दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को क्वारंटीन करने समेत सभी तरह की पाबंदियों को खत्म करने का ऐलान किया है. वहीं दूसरी ओर अब अमेरिका, इटली, जापान और भारत समेत दुनिया के कई देशों में चीन से आने वाले यात्रियों पर सख्ती बढ़ाने का फैसला किया है. 

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अमेरिका में चीन से आने वाले यात्रियों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत होगी. इतना ही नहीं इटली ने भी चीन से आने वाले सभी यात्रियों की कोरोना जांच करने का फैसला किया है. अमेरिका ने कहा है कि चीन से सिर्फ वे ही यात्री हवाई मार्ग से आ सकेंगे, जिनके पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होगी. अमेरिका ने यह कदम इटली के फैसले के बाद उठाया. इटली ने कहा है कि चीन से आने वाले सभी यात्रियों की कोरोना जांच की जाएगी. 

अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र की ओर से कहा गया है कि 5 जनवरी से चीन, हॉन्गकॉन्ग और मकाऊ से अमेरिका जाने वाले यात्रियों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट देनी होगी या यह जानकारी देनी होगी कि वे कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए हैं. कोरोना निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत किसी तीसरे देश के माध्यम से अमेरिका आने वाले यात्रियों पर भी लागू होगी. 

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इटली में दो फ्लाइट्स में आधे यात्री निकले पॉजिटिव
 
इटली में चीन से आने वाले सभी यात्रियों की कोरोना जांच करने का फैसला किया गया है. दरअसल, इटली के मिलान में चीन से आने वाली 2 फ्लाट्स में आधे यात्री पॉजिटिव निकले हैं. बताया जा रहा है कि पहली फ्लाइट में 92 में से 38% यात्री तो दूसरी फ्लाइट में 52% यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इसके बाद इटली में ये कदम उठाया गया है. दरअसल, इटली 2020 जैसी गलती नहीं दोहराना चाहता. तब इटली यूरोप का पहला देश था, जहां कोरोना से सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी. 

भारत में समेत एशिया के तमाम देशों में भी हो रहे टेस्ट

भारत, जापान समेत एशिया के तमाम देशों ने भी चीन से आने वाले यात्रियों की कोरोना टेस्टिंग अनिवार्य कर दी है. चीन में जीरो कोविड पॉलिसी हटाने के बाद से तेजी से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि यहां हर रोज करीब 1 करोड़ कोरोना केस मिल रहे हैं. ऐसे में संक्रमण से बचने के लिए देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों पर सख्ती दिखाने का फैसला किया है.   
 
चीन में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. कोरोना के केस तेजी से बढ़ने के चलते स्वास्थ्य संसाधनों पर भारी दबाव है. हालत ये है कि अस्पताल में बेड नहीं बचे हैं. घर पर इलाज करा रहे लोगों को दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं. इतना ही नहीं जिन लोगों की कोरोना से मौत हो रही है, उनके अंतिम संस्कार के लिए एक एक हफ्ते की वेटिंग चल रही है. चीन के ज्यादातर शहरों में श्मशानों के बाहर लंबी लंबी लाइन हैं. वहीं, दूसरी ओर चीन सभी तरह प्रतिबंध हटाकर यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वहां सब कुछ सामान्य है. 

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बीजिंग के बाद शंघाई-चेंगदू में बिगड़े हालात

चीन के बीजिंग के बाद अब शंघाई और चेंगदू में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं. शंघाई के अस्पताल में शवों के ढेर नजर आ रहे हैं. वहीं अनसन शहर में फ्यूनरल होम फुल हो गए हैं. अंतिम संस्कार के लिए लंबी वेटिंग है. कोरोना के लगातार हो रहीं मौतें के चलते फ्यूनरल होम की पार्किंग में शवों को रखा जा रहा है. वहीं, चीन के चेंगदू में अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ है. अस्पताल में कोरोना की दवाइयां का स्टॉक नहीं है. मरीजों को सिर्फ सामान्य लक्षणों की दवाएं दी जा रही हैं. 

चेंगदू के सबसे बड़े फ्यूनरल होम की पार्किंग कारों से फुल है. फ्यूनरल होम में लगातार अंतिम संस्कार हो रहे हैं. फ्यूनरल होम में कर्मचारियों के पास खाने तक का समय नहीं है. चेंगदू में कोरोना से इतनी मौतें हुई हैं कि सभी अंतिम संस्कार के लिए सभी स्लॉट बुक हैं. हालत ये है कि 3 जनवरी तक के स्लॉट अभी से बुक हैं. 
 
चीन में 20 दिन में 25 करोड़ केस

चीन में कोरोना से हाहाकार मचा है. यहां पिछले 20 दिन में 25 करोड़ (250 मिलियन) लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इस बात का खुलासा सरकारी दस्तावेजों के लीक होने के बाद हुआ है.रेडियो फ्री एशिया ने सोशल मीडिया पर चल रहे दस्तावेजों का हवाला दिया है और कहा- महीने के पहले सप्ताह में 'जीरो-कोविड पॉलिसी' में छूट देने के बाद हालात भयावह हुए हैं और सिर्फ 20 दिन में ही पूरे चीन में करीब 250 मिलियन लोग कोविड-19 से प्रभावित हो गए हैं. 

 

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