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झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत पिंडराजोड़ा पंचायत भवन में बुधवार को ग्रामीणों को वैक्सीन दी जानी थी, लेकिन मात्र चार लोग ही वैक्सीन सेंटर पहुंचे. ऐसे में पूरे दिन मेडिकल टीम को लोगों का इंतजार करना पड़ा. जब शाम तक वैक्सीन लगवाने इनके अलावा कोई नहीं आया तो पूरी वैक्सीन फाइल लेकर बिना किसी को वैक्सीन दिए ही मेडिकल टीम को वापस लौटना पड़ा.
लोगों का वैक्सीन सेंटर पर नहीं आने का कारण पूछने पर वैक्सीन सेंटर में मौजूद एएनएम रीता कुमारी ने बताया कि बीते 24 मार्च को इसी सेंटर में 120 लोगों को वैक्सीन दिया गया था, जिसमें एक 80 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति को भी वैक्सीन दिया गया था, जिसकी कुछ दिनों पहले ही किसी कारण से मौत हो गई थी. इसी गलतफहमी की वजह से लोगों में भय का माहौल पैदा हो गया है. इस कारण आज वैक्सीन सेंटर में मात्र चार ही लोग पहुंचे और शाम तक लोगों का इंतजार किया गया, मगर 4 लोगों के लिए फाइल नहीं खोली जा सकती थी, जब तक 10 लोग वैक्सीन लगाने के लिए ना हों, जिस कारण यहां पर किसी को भी वैक्सीन नहीं दिया गया.
वहीं मामले में सिविल सर्जन डॉ. अशोक पाठक ने कहा कि यह गलतफहमी है कि वैक्सीनेशन से किसी की मौत हुई है. ऐसे में लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा. श्रीपाठक ने बताया की लोगों को सही नॉलेज नहीं है. यह महज संयोग रहा होगा की वैक्सीन लेने के चार दिन बाद मौत हो गई. संभवतः वो पहले से संक्रमित रहे होंगे, वैक्सीन को काम करने के लिए टाइम चाहिए होता है.
सिविल सर्जन ने बताया की हम लोग लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार ड्राइव चला रहे हैं, जिससे लोगों में भय की स्थिति नहीं रहे. उन्होंने बताया कि कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज सुरक्षित रहने के लिए लेना बहुत आवश्यक है. इससे किसी प्रकार का खतरा नहीं है. (इनपुट- संजय कुमार)