बिहार सरकार कोरोना से जंग लड़ने का मजबूत दावा कर रही है, तो वहीं हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं. एक ओर जहां कोरोना संक्रमित मरीज हॉस्पिटल में बेड और वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहे हैं, तो वहीं अररिया के अस्पताल में चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई. यहां पर वेंटिलेटर धूल फांकते नजर आए. जब इस बारे में हॉस्पिटल के सर्जन से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के अभाव में इनका संचालन नहीं हो पा रहा है.
टॉयलेट के सामने पड़ा था वेंटिलेटर
आज तक की टीम ने जहां कुछ दिन पहले सुपौल के सदर अस्पताल में धूल फांक रहे 6 वेंटिलेटर की कहानी का खुलासा किया, तो वहीं आज अररिया सदर अस्पताल में भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दिया. यहां पहुंची टीम को जानकारी मिली कि हॉस्पिटल के आईसीयू में 6 वेंटिलेटर हैं, लेकिन उनका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है.
वहीं जब टीम आईसीयू में पहुंची, तो देखा गया है कि कोरोना संकट के इस समय में जहां हॉस्पिटल की कमी नजर आ रही है, आईसीयू में जगह नहीं मिल पा रही है, तो वहीं इस हॉस्पिटल के आईसीयू पर ताला लटका हुआ था. हॉस्पिटल प्रशासन से बात करके आईसीयू का ताला खुलवाया गया. टीम जब आईसीयू में अंदर पहुंची, तो हैरान करने वाली तस्वीर सामने आईं. यहां पर पड़े 6 वेंटिलेटर और बेड धूल से अटे पड़े थे.
पीएम केयर फंड से मिले
बता दें अन्य जिलों की तरह अररिया सदर अस्पताल में भी 6 वेंटिलेटर पीएम केयर फंड के जरिए मुहैया कराए गए थे, मगर पिछले 8 महीनों से यहां जस के तस पड़े हुए हैं. चौंकाने वाली बात यह भी थी कि इन 6 वेंटिलेटर में से एक वेंटिलेटर आईसीयू के अंदर बने शौचालय के बाहर पड़ा हुआ था.
अस्पताल में कर्मचारियों की कमी
अस्पताल में संसाधनों की ऐसी बर्बादी की तस्वीरें देखने के बाद जब सिविल सर्जन डॉ. एमपी गुप्ता से सवाल पूछे तो उन्होंने बताया कि इनका संचालन करने के लिए कर्मचारियों की कमी है. सिविल सर्जन डॉ. एमपी गुप्ता ने बताया कि वेंटिलेटर को चलाने के लिए जितने डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी की जरूरत होती है, वो उनके पास मौजूद नहीं हैं.उन्होंने बताया कि सरकार के आदेश अनुसार कर्मचारियों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है.