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कोरोना: एंटीबॉडी ट्रीटमेंट पर असर डाल रहा 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट! डॉ. पॉल ने कहा- हम इसे ट्रैक कर रहे

डॉ. वीके पॉल ने कहा कि मौजूदा समय की बात करें तो इसे चिंताजनक श्रेणी में नहीं रखा गया है. यह देश के बाहर पाया गया है. 28 लैब्स का एक व्यापक सिस्टम बनाया गया है. हम इसे ट्रैक कर रहे हैं.

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देश में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं. (फाइल फोटो)
देश में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट पर असर होने का अंदेशा
  • यूरोप में मार्च के महीने में देखा गया था ये वैरिएंट

कोरोना वायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है. कोरोना वायरस का एक  नया वैरिएंट सामने आया है. इस वैरिएंट को 'डेल्‍टा प्‍लस' या 'एवाई.1' नाम दिया गया है. मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट स्पाइक प्रोटीन में नया म्यूटेशन है जो मार्च के महीने में यूरोप में देखा गया.

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उन्होंने कहा कि मौजूदा समय की बात करें तो इसे चिंताजनक श्रेणी में नहीं रखा गया है. यह देश के बाहर पाया गया है. 28 लैब्स का एक व्यापक सिस्टम बनाया गया है. हम इसे ट्रैक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि ये मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट को नुकसान पहुंचा रहा है. हम साइंस के जरिए इसके बार में और पता लगा रहे हैं.

वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हमारे पास कोरोना प्रबंधन के लिए पांच तरीके हैं. टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, आइसोलेट, कंटेनमेंट जोन, कोरोना संबंंधी नियमों का पालन और वैक्सीनेशन. उन्होंने कहा की वैरिएंट हो ना हो लेकिन वायरस रिटायर नहीं हुआ है. हमें इसके खिलाफ जंग जारी रखनी है.

लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना का पीक आने के बाद से रोजाना कोरोना के नए मामलों में लगभग 85 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि हम यह स्थिति 75 दिन बाद देख रहे हैं. यह बात इस तरफ इशारा करती है कि देश में संक्रमण दर में गिरावट देखी जा रही है.

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