पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर की कोरोना से मौत हो गई है. कोलकाता के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. डॉ बिप्लब कांति दासगुप्ता कोरोना से संक्रमित होने के बाद कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुए थे, कल रात उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. डॉक्टर ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन उनकी हालत बिगड़ती ही चली गई.
रिपोर्ट के मुताबिक ये पश्चिम बंगाल में चिकित्सा बिरादरी से पहली मौत है. डॉ बिप्लब कांति दासगुप्ता की पत्नी की कोरोना पॉजिटिव हैं. उनका अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के संगठन वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने कहा है कि कोराना से इलाज के लिए राज्य में संसाधनों की कमी है. डॉक्टरों के फोरम ने कहा है कि राज्य के सभी स्वास्थ्यकर्मियों की कोरोना टेस्टिंग की जाए. इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट की व्यवस्था की जाए. डॉक्टरों ने कहा है कि कोरोना से इलाज में आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए.
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डॉक्टरों ने राज्य सरकार से मांग की है कि वैसे स्वास्थ्यकर्मियों की स्थिति को लेकर राज्य सरकार रोजाना एक अलग से बुलेटन जारी करे जिनका अभी कोरोना से इलाज चल रहा है और जो क्वारनटीन किए गए हैं.
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डॉक्टरों ने कहा है कि पिछले कुछ सप्ताह से लगातार स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं. इनमें से कई ऐसे हैं जिनके अंदर कोरोना के वायरस मौजूद हैं लेकिन लक्षण नहीं दिख रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक ये गंभीर चिंता का विषय है और राज्य सरकार को इस पर तुरंत सोचना चाहिए. डॉक्टरों ने कहा कि ऐसा न हो कि हमारे पास लोगों का इलाज करने के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी ही न बचे.