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देश में बनी कोरोना की दवा, Zydus Cadila ने मांगी DGCI से इस्तेमाल की इजाजत

फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने अब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से कोरोना के खिलाफ अपनी दवाई को मंजूरी देने की अपील की है. 

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DGCI से मांगी वैक्सीन की मंजूरी (फाइल फोटो: PTI)
DGCI से मांगी वैक्सीन की मंजूरी (फाइल फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जायडस कैडिला ने दवा के लिए मांगी मंजूरी
  • तीसरे ट्रायल में दिखे हैं शानदार रिजल्ट

कोरोना वायरस का खतरा बढ़ रहा है और ऐसे में सभी उम्मीदें वैक्सीन पर टिकी हैं. फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने अब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से कोरोना के खिलाफ अपनी दवाई को मंजूरी देने की अपील की है. 

जायडस कैडिला का दावा है कि हेपेटाइटस की इस दवाई के ट्रायल में शानदार नतीजा दिखे हैं. इसका फेज़ थ्री ट्रायल भी पूरा हो चुका है. ऐसे में अब कोविड-19 के मरीजों के लिए इसके इस्तेमाल की मंजूरी DGCI से मांगी गई है.

जायडस की ओर से इस दवाई का नाम PegiHepTM दिया गया है. दावा है कि 91.15 फीसदी मरीज जिनपर इसका ट्रायल किया गया, एक हफ्ते के अंदर कोविड नेगेटिव पाए गए. ये रिजल्ट RT-PCR टेस्ट के आधार पर हैं. 

कंपनी का दावा है कि इस दवाई के इस्तेमाल के दौरान कोविड मरीज़ को ऑक्सीज़न देने की जरूरत कम होती है, जो मरीज के इलाज के लिए सहायक हो सकता है. जायडस कैडिला ने अपनी इस वैक्सीन का ट्रायल करीब 20-25 सेंटर्स पर किया, जिसमें 250 मरीज़ शामिल हुए. 

अभी दो वैक्सीन का हो रहा है इस्तेमाल
आपको बता दें कि देश में अभी दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. बड़ी मात्रा में कोविशील्ड का ही इस्तेमाल हो रहा है. इनके अलावा भारत बायोटेक ने अपनी नेसल वैक्सीन की इजाजत मांगी है. 

साथ ही रूस की मदद से डॉ. रेड्डी लैब्स द्वारा तैयार की जा रही स्पुतनिक वैक्सीन की मंजूरी के लिए भी इजाजत मांगी गई है. ऐसे में अब नज़र है कि DGCI द्वारा कब अन्य वैक्सीन को मंजूरी दी जाती है. 

देश में वैक्सीनेशन के मिशन को रफ्तार दी जा रही है. हर रोज़ औसतन 30 लाख डोज़ दी जा रही हैं. अभी तक भारत में सात करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी हैं. 

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