जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन के बावजूद मरकज़ में भाग लेनेवाले क़रीब 1 हज़ार से ज़्यादा लोग यहीं निजामुद्दीन में जमे रहे. यानी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ गईं. अब हालत ये हैं कि इस मरकज़ में कई कोरोना मरीज़ों के होने की बात भी साफ़ हो गई है और इसके साथ लोगों की सांसें अटक गई हैं. एक ऐसा प्रोग्राम जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग की पाबंदियों और एहतियात के बावजूद 1800 से ज़्यादा लोग जमा हुए और इनमें से कई को कोरोना होने की पुष्टि भी हो गई. कई लोग प्रोग्राम में हिस्सा लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में चले गए, ऐसे में किन-किन के ज़रिए कोरोना कहां-कहां फैला और कहां-कहां फैल रहा होगा, इसका सही-सही हिसाब किसी के पास नहीं. इसी बात ने सरकारी अमले से लेकर हर आम हिंदुस्तानी को डरा दिया है. कहीं ऐसा तो नहीं कि तबलीगी जमात का यही प्रोग्राम हिंदुस्तान में कोरोना स्टेज थ्री की वजह साबित होगा?