आज कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है. दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों ने कड़ाई से कोरोना को रोकने के इंतजाम किए हैं. इन हालातों के बीच सरकार और लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हैं वो लोग जो Asymptomatic हैं. एसिम्टोमैटिक वो लोग होते हैं जिनमें कोरोना वायरस का वायरस लोड तो है यानी वो पॉजिटिव तो हैं, मगर उनमें कोरोना के कम या बिल्कुल भी लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. aajtak.in ने हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया और कंफडरेशन ऑफ मेडिकल एसोएिशन ऑफ एशिया के प्रेसिडेंट डॉ केके अग्रवाल से जाना कि क्या वाकई एसिम्टोमैटिक के लिए भी कोविड-19 उतना ही प्राणघातक है जितना कि सिम्प्टम वालों के लिए? देखें उनसे खास बातचीत.