मौलाना साद को फरेब और झूठ विरासत में ही मिल गई. बचपन से जो देखा वहीं आज कर रहा है. यूपी के शामली से मौलाना का सफर शुरु हुआ और दिल्ली के मरकज में जहर उगलने लगा. आज उसके विवादों की लिस्ट लंबी है . मौलाना साद ने अपने भड़काऊ तकरीर के लिए तकनीक का सहारा लिया. अपने यू-ट्यूब चैनल के जरिए ही कभी उन्मादी बयान दिए तो कभी मजहबी. अपने मुरीदों तक उन्माद का इजेक्शन लगाने के लिए यू-ट्यूब पर हमेशा सक्रिय रहता था मौलाना. इसके लिए उसने 3 से 4 लोगों की टीम रखी थी. दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज का ये यूट्यूब चैनल 1 जनवरी 2016 को शुरु हुआ था. इसमें हजारों ऑडियो और वीडियो अपलोड किए गए हैं. देखें ये रिपोर्ट.