एक वो समय था जब रमज़ान में रोज़ा इफ्तार के वक़्त अज़ान की आवाज़ आते ही, जामा मस्जिद नमाज़ियों से भर जाती थी.लेकिन आज शाही मस्जिद वीरान पड़ी है. कोरोना का प्रकोप ऐसा है कि इसबार नमाजियों को घरों में ही इफ्तार करना पड़ रहा है. अमूमन आम दिनों मे जामा मस्जिद के सहन मे एक साथ हज़ारों लोग रोज़ा इफ़्तार करते हैं. लेकिन आज यहां की फिज़ा बदली हुई नजर आ रही है.चांदनी महल इलाके के समाजसेवी मोहम्मद अहमद सैफी की माने तो उन्होंने ऐसा दौर कभी नहीं देखा, जब रमज़ान में उन्हें अपने घर पर ही इबादत करनी पड़ी हो. सैफी मानते हैं कि रेड ज़ोन होने की वजह से रमजान में खाने-पीने और इस्तेमाल के कुछ सामान जुटाने में दिक्कतें आ रही हैं. लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है, उसका पालन करना भी ज़रूरी है.