लोगों की नजरों से दूर भारत पहुंचने के तुरंत बाद किया गया बलात्कार पीड़िता का अंतिम संस्कार.
देशभर में फैले आक्रोश और मातम के बीच गैंगरेप पीड़िता के पार्थिव शरीर को विशेष विमान के जरिए दिल्ली लाए जाने के तुरंत बाद अंतिम संस्कार किया गया.
अंतिम संस्कार की योजनाओं को पूरी तरह गुप्त रखा गया. पुलिस को डर था कि बड़ी संख्या में लोग श्मशान पहुंचकर हंगामा कर सकते हैं.
उस वक्त प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी वहीं मौजूद थे. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने श्मशान पहुंचकर उसे श्रद्धांजलि दी. गृह राज्य मंत्री आर. पी. एन. सिंह, पश्चिमी दिल्ली के सांसद महाबल मिश्र और दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष विजेन्दर गुप्ता भी अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद थे.
मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पालम तकनीकी क्षेत्र में पार्थिव शरीर को लेकर आ रहे एयर इंडिया के विशेष विमान का इंतजार कर रहे थे.
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में छात्रा के निवास स्थान पर अंतिम संस्कार की अन्य रीतियों के बाद द्वारका के श्मशान में उसके पिता ने उसे मुखाग्नि दी.
देश की 'बहादुर बेटी' की अस्थियों को उसके पैतृक गांव ले जाया गया.
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को उस समय लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा जब वह हाल में बलात्कार की शिकार 23 वर्षी पीड़ित की मौत पर जंतर मंतर पर आयोजित शोक समारोह में हिस्सा लेने पहुंची.
लोगों का नाराजगी के कारण उन्हें जंतर मंतर से वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा.
प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया और जिसके कारण उन्हें लौटने पर मजबूर होना पड़ा.
बहरहाल, जंतर मंतर छोड़ने से पहले उन्होंने वहां एक मोमबत्ती जलाई और मृतक के प्रति शोक प्रकट किया.
कुछ ही मिनट बाद उन्हें पुलिस की सुरक्षा में इलाके से बाहर निकाला गया.
इंसाफ के लिए पूरे देश में प्रदर्शन हुआ.
लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से श्रद्धांजलि दी.
लोगों ने कैंडल मार्च भी निकाली और उसकी आत्मा की शांति के लिए दुआएं की.
देश के हर कोने से लोग दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं.
लोगों ने अपने-अपने ढंग से विरोध प्रदर्शन किया.
पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे विरोध प्रदर्शन का मकसद एक है कि दोषियों को फांसी हो.
गुस्साए लोगों ने दिल्ली में जमकर विरोध प्रदर्शन किया और फांसी की मांग की.
जगह-जगह शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी हुए.
लोगों ने नए साल का जश्न नहीं मनाया. आतिशबाजियों की बजाए लोगों ने मोमबत्तियां जलाई और दुआएं की.
उसकी मौत के बाद भी देश में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है.
दिल्ली के लोगों ने इंडिया गेट और जंतर-मंतर में मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि दी.
स्कूली बच्चों ने भी कैंडल जलाकर अपनी श्रद्धांजलि दी.
हर जगह से एक ही मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए.
इस घटना से पूरा देश शोक में है, लोगों ने नए साल का स्वागत भी सादगी से किया.
सैंकड़ों प्रदर्शनकारी अब भी जंतर-मंतर पर डटे हुए हैं और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
लोग दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.
पूरा देश एक होकर ऐसे अपराधों के खिलाफ कड़े कानून की मांग कर रहा है.
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय हर जगह मार्च निकाला जा रहा है.
प्रदर्शनकारियों ने 3 जनवरी को भारत बंद का आह्वान भी किया है.
दोषियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार हो चुकी है.
विदेश में भी इस घटना की कड़ी निंदा हुई है.