सामूहिक बलात्कार की शिकार युवती की मौत होने के बाद सैकड़ों लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.
जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों ने दोषियों को कडी से कड़ी सजा देने की मांग की.
जंतर मंतर पर सुबह दस बजे से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था.
सभी लोगों ने पीड़िता की मौत पर गहरा दुख जताया.
पिछले कई दिनों से पीड़िता की सलामती की दुआ मांग रहे लोगों का दिल आज टूट गया.
आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और कुमार विश्वास भी प्रदर्शनकारियों के साथ धरने पर बैठे.
जंतर-मंतर पर सभी शांति से बैठे लोगों ने मृतका को श्रद्धांजलि दी.
प्रदर्शनकारियों ने इंडिया गेट और रायसीना हिल पर जबर्दस्त सुरक्षा इंतजामात के खिलाफ नारेबाजी की.
अधिकांश सरकारी कार्यालयों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी.
प्रदर्शन के चलते पिछले कई दिनों से दिल्ली में अतिरिक्त सुरक्षा बल का इंतजाम किया गया है.
पूरी दिल्ली में दो जगहों को छोड़कर धारा 144 लागू कर दी गई.
सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन ने कहा लड़की को बचाने की हर मुमकिन कोशिशें हुईं. उसे बहुत गहरी चोट आई थी. परिवार की प्राइवेसी का ध्यान रखें.
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता रंजन भगत ने कहा कि लोग संसद से लगभग एक किलोमीटर दूर जंतर मंतर और राम लीला मैदान पर प्रदर्शन कर सकते हैं.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह कदम शहर के प्रमुख स्थानों पर भीड़ जमा होने से रोकने के लिए उठाया गया है.
दिल्ली यातायात पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'सभी लोगों को इन मार्गो का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी जाती है.'
पुलिस ने बताया कि राजपथ, विजय चौक और इंडिया गेट की तरफ जाने वाले सभी मार्गो को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है.
लड़की की मौत की घोषणा करने से पहले दिल्ली पुलिस ने शहर में प्रदर्शनों को रोकने के लिए सैंकड़ों पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया था.
आज प्रदर्शनकारियों ने तख्तियों पर अपने गुस्से का बयां किया.
लोगों ने काला कपड़ा बांधकर विरोध जताया.
जंतर-मंतर पर लोगों ने मौन-धरना निकाला.
हालांकि जंतर-मंतर पर जुटे लोग आज भी बहुत आक्रोश में थे लेकिन उन्हें अपना प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही रखा.
10 मेट्रो स्टेशन बंद किए जाने और कई सड़के बंद किए जाने के बावजूद भी लोग पीड़िता की मौत पर अपना शोक व्यक्त करने और जल्द से जल्द न्याय की मांग करने के लिए इकट्ठा हुए.
जेएनयू के छात्रों ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिए जाने की मांग की.
प्रतिष्ठित जेएनयू में भी छात्रों ने शांतिपूर्ण मार्च निकाला.
अहमदाबाद के स्कूल के बच्चों ने पीड़िता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
दिल्ली गैंगरेप पीड़िता को कुछ इस अंदाज में श्रद्धांजलि दी गई.
शांतिपूर्ण मार्च के दौरान दोषियों के लिए फांसी की मांग की गई.
गैंगरेप पीड़िता को फूलों से श्रद्धांजलि दी गई.
लोग सुबह से ही इस घटना के प्रति अपना शोक और संवेदना प्रकट निकलने पड़ थे.
स्कूल, कॉलेज और जंतर-मंतर तक हर जगह हर उम्र के लोगों ने अपना रोष जाहिर किया.
अहमदाबाद के एक स्कूल में भी पीड़िता को श्रद्धांजलि दी गई.
कुछ लोग अस्थिर स्थिति के बावजूद लड़की को सिंगापुर भेजे जाने के सरकार के फैसले से नाराज हैं.
बहुत से लोग पीड़िता को श्रद्धांजलि देने के लिए हाथों मे फूल लेकर पहुंचे.
कुछ लोग उदास और परेशान लग रहे हैं, तो कुछ लोग इस घटना को लेकर काफी गुस्से में दिखाई दिए.
भीड़ में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हैं, जिनमें युवा पुरुषों और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है.
अंगों के काम करना बंद करने की वजह से उसका शनिवार तड़के 2.15 बजे निधन हो गया.
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से सिंगापुर भेजी गई पीड़िता 13 दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष करती रही.
जंतर मंतर पर लोगों के छोटे-छोटे समूह इस घटना पर विचार-विमर्श कर रहे हैं, वहीं सैंकड़ों लोग सड़कों पर बैठकर गत 16 दिसम्बर को दुष्कर्म का शिकार हुई 23 वर्षीय लड़की की मौत का दुख मना रहे हैं.
सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता की मौत के बाद दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट और उसके आसपास के क्षेत्रों को आम जनता के लिए सील कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद सैंकड़ों लोग इन स्थानों पर जमा हो गए हैं.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार किसी के निधन पर शोक भी नहीं व्यक्त करने दे रही.
सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरन बेदी ने कहा कि हर पुलिसकर्मी को प्रार्थना करनी चाहिए और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने में सामूहिक विफलता के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए.
केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या हम उस छात्रा की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं हैं ? क्या हम ऐसा कुछ कर सकते हैं कि देश की आधी आबादी हमारे बीच सुरक्षित महसूस कर सके ?
प्रदर्शनकारियों में नाकाबंदी और मेट्रो स्टेशन तक बंद करने के खिलाफ रोष जाहिर किया.