इराक फिर दहशत की आग में जल रहा है, क्योंकि दुनिया की सबसे खूंखार शय उसकी सरजमीं पर कत्लोगारत से एक ऐसी इबारत लिख रही है कि अगर वो अपने मंसूबे में कामयाब हो गई तो समझ लीजिए कि दुनिया का नक्शा ही बदल जाएगा. वो राजधानी बगदाद से सिर्फ 400 किलोमीटर की दूरी पर है और फिलहाल उसे रोकने की ताकत किसी के पास नहीं है.
आखिर क्या है वो शय? कौन है वो बला? जिसने एक मुल्क के तौर पर इराक के वजूद पर ही खतरा पैदा कर दिया है? दरअसल, दुनिया के सबसे अमीर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ दि इराक एंड द लेवेंट यानी आईएसआईएस का सिरमौर अबु बकर अल बगदादी दूसरे लफ्जों में कहें तो वो शख्स है, जो अब इराक के साथ-साथ तमाम नॉर्थ अफ्रीकी देशों के लिए ख़ौफ का वहशत का सबसे बड़ा नाम बन चुका है.
लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर आईएसआईएस के आतंकवादियों ने इराक को इस तरह क्यों घेरा है? आख़िर क्यों आईएसआईएस के खाड़कू इराकी फौज को गाजर-मूली की तरह काटते हुए आगे बढ़ रहे हैं? और पिछले चंद दिनों में कैसे इस संगठन के आतंकवादियों ने तीन इराकी शहर फलूजा, तिरकित और मोसुल को कब्जे में कब्जे में ले लिया है?
तो इन सवालों के जवाब भी कम चौंकानेवाले नहीं हैं. दरअसल, आईएसआईएस वो आतंकवादी संगठन है, जो इराक समेत कई मुल्कों में इस्लाम के नाम पर अपना राज कायम करना चाहता है और कोशिश में उसने अब इराक के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. हालत ये है कि इस देश में मचे इस घमासान की बदौलत जहां 5 लाख लोग अपने ही मुल्क में बेघर होकर शरणार्थी की ज़िंदगी जी रहे हैं, वहीं सैकड़ों लोग अपनी जान से हाथ धो चुके हैं.
मौजूदा रिपोर्टों के मुताबिक तमाम अत्याधुनिक हथियारों से लैस आईएसआईएस के आतंकवादियों ने सबसे पहले इराकी शहर फलूजा पर कब्जा किया और तब तिरकित पर, यहां तक तो फिर भी गनीमत थी, लेकिन अब हद ये है कि आतंकवादियों ने बगदाद के बाद इराक के सबसे बड़े शहर और बगदाद से सिर्फ 400 किलोमीटर दूर मोसुल को भी अपने कब्जे में कर लिया है.
रॉकेट लांचरों से हमला करते, टैंकों से रौंदते और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते इस संगठन के आतंकवादी अब अब इराक में फैलने लगे हैं. इससे इराक की सड़कों पर मचे मौत के तांडव के बीच लाशें तो बिछ ही रही हैं, एक मुल्क के तौर पर इराक लगातार कमज़ोर पड़ने लगा है.
अबू बकर अल बगदादी ही है, जिसकी रहनुमाई में आईएसआईएस के आतंकवादी इराक को नेस्तोनाबूद करने में जुटे हैं. यही वजह है कि यूएस स्टेट डिपार्टमैंट में इस शख्स का ज़िंदा या मुर्दा पता देनेवाले को कुल 10 मिलियन यूएस डॉलर के इनाम का ऐलान किया है.
ये रकम अल जवाहरी के सिर पर रखी गए अमेरिकी इनाम यानी 25 मिलियन यूएस डॉलर के बाद दूसरी सबसे बड़ी रकम है. वैसे तो अबु बकर अल बगदादी के कोहराम के किस्से काफ़ी लंबे हैं, लेकिन इस बार उसने जिस तरह आधे इराक को बंधक बना लिया है, वो उसका अब तक का सबसे बड़ा दांव है.
ये अबु बकर अल बगदादी ही है, जिसकी अगुवाई में आईएसआईएस के आतंकवादियों ने ना सिर्फ़ इराक के दूसरे बड़े शहर मोसुल को अपने कब्जे में कर लिया, बल्कि इसी सिलसिले में मोसुल के सेंट्रल बैंक को लूट कर इस दुनिया की सबड़े बड़ी बैंक लूट का इतिहास भी अपने नाम कर लिया.
16 मई 2010 को आईएसआईएस के मुखिया के तौर पर दुनिया के इस सबसे अमीर आतंकवादी संगठन की कमान संभालनेवाला बगदादी पहले से अलकायदा के कमांडर ओसमा बिन लादेन का मुरीद रहा है. लोगों को याद है कि किस तरह लादेन की मौत के बाद उसने ना सिर्फ़ इसका बदला लेने की बात कही थी, बल्कि इराक समेत तमाम लेवेंट मुल्कों यानी साइप्रस, इजरायल, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया, फिलिस्तीन और टर्की को मिलाकर एक इस्लामिक मुल्क बनाने का ऐलान किया था. लेकिन उसकी ये मंशा एक रोज़ इराक पर इस कदर कहर बन कर टूटेगी, ये खुद इराक को भी पता नहीं था पर इराक पर कब्जा करने के इरादे से कत्ले-आम मचा रहा बगदादी अपनी टार्गेट में ना सिर्फ़ बहुत आगे निकल चुका है, बल्कि इराक के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए एक सरदर्द साबित होने लगा है.