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गया रोडरेज: कोर्ट में पेशी के दौरान बिंदी यादव की जेब में दिखे 1000 के नोट

जेडीयू से निलंबित एमएलसी मनोरमा देवी का पति और गया रोडरेज केस के मुख्य आरोपी रॉकी यादव का पिता बिंदी यादव इनदिनों इस केस में जेल की सजा काट रहा है. शुक्रवार को जब उसे पेशी के लिए कोर्ट ले जाया जा रहा था, तो उसकी जेब में 1000-1000 के नोट देखकर लोग दंग रह गए.

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रॉकी यादव का पिता बिंदी यादव
रॉकी यादव का पिता बिंदी यादव

जेडीयू से निलंबित एमएलसी मनोरमा देवी का पति और गया रोडरेज केस के मुख्य आरोपी रॉकी यादव का पिता बिंदी यादव इनदिनों इस केस में जेल की सजा काट रहा है. शुक्रवार को जब उसे पेशी के लिए कोर्ट ले जाया जा रहा था, तो उसकी जेब में 1000-1000 के नोट देखकर लोग दंग रह गए.

जानकारी के मुताबिक, जेल की सजा भुगत रहे बिंदी यादव पर मर्डर और किडनैपिंग के कई केस दर्ज हैं. उस पर कम से कम 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसको गया जिले में बाहुबली माना जाता है. उस पर नक्सलियों को हथियारों की सप्लाई करने का भी आरोप है. वह लंबे वक्त तक देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद रहा है.

उसे गया में एंट्री माफिया के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि बिहार-झारखंड की सीमा से गुजरने वाले ट्रकों से अवैध वसूली करने का आरोप है. उसका इतिहास जानने के लिए 1991-92 के उस दौर में जाना होगा, जब बिहार में आतंक का राज की शुरूआत हुई थी. यूं कहें कि उस दौर में जंगलराज का उदय हुआ था. उस दौर में वह आतंक का पर्याय बना.

बिहार के लोग उस समय बिंदी और बच्चू यादव गैंग से भयभीत रहा करते थे. एक साधारण परिवार में जन्मा बिन्दी यादव आज एक हजार करोड़ से अधिक संपत्ति का मालिक है. उसके पीछे आतंक की वही कहानी है, जिसकी बदौलत आज वो अरबपति बना हुआ है. गया शहर में दर्जनों मकान पर इस गिरोह ने कब्जा जमाया हुआ है.

उसके भय से उस जमाने में कई बड़े-बड़े बिजनेसमैन शहर छोड़ने को मजबूर हो गए. उसी का बेटा रॉकी लैंड रोवर पर सवार होकर निकलता है और जब गाड़ी को साइड नहीं मिलता, तो गोली मार देता है. ऐसे बाप के बेटे से और क्या उम्मीद की जा सकती है. उसने जो किया, अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए किया.

बिहार के कुख्यात राजन कुर्मी की हत्या कर बिन्दी यादव गया का सरताज बन गया. उसके बाद हत्या लूट और अपहरण के धंधे में खूब तहलका मचाया. लालू-राबड़ी राज में उसकी करतूत उफान पर थी. बबली जैन अपहरण कांड में भी इसका नाम खूब उछला. बिंदी और बच्चू यादव ने मिलकर पूरे मगध क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम किया.

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